लखनऊ : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को ‘विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ (Developed UP-2047) विषय पर सभी महापौरों के साथ वर्चुअल संवाद (Virtual Dialogue) किया। इस दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश भारत के विकास इंजनों में से एक बन गया है। अब इसे ‘बीमारू’ राज्य नहीं कहा जा सकता।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले, निवेशक खराब सड़कों और सुरक्षा की कमी के कारण राज्य से दूर रहते थे, लेकिन आज राज्य में राजमार्गों का एक नेटवर्क और हर जिले से मजबूत कनेक्टिविटी है, जो निवेश को आकर्षित कर रही है। ‘विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ (Developed UP-2047) के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आपने सभी महापौरों से सुना होगा कि उन्होंने अपने-अपने नगर निगमों की आय कैसे बढ़ाई है। इससे आगे भी संभावनाए हैं। आठ साल पहले, उत्तर प्रदेश की जीडीपी 12 लाख 75 हज़ार करोड़ रुपये थी और हमारी योजना इसे इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 36 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने की है। 2017 से पहले कोई भी उत्तर प्रदेश में निवेश करने नहीं आता था क्योंकि यहाँ अच्छी सड़कें नहीं थीं और राज्य में सुरक्षित माहौल का अभाव था। आज हमारे पास राजमार्गों का जाल है, दूसरे राज्यों से अच्छी कनेक्टिविटी है और हर ज़िला मुख्यालय तक दो या चार लेन की राजमार्ग कनेक्टिविटी सुनिश्चित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ज़िला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत दो करोड़ से ज़्यादा रोज़गार सृजित किए गए हैं और अब तक 8.5 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी से हल्दिया तक देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग संपर्क है। एक राज्य जिसे निवेश नहीं मिलता था, आज उसे 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के कारण 2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
अब तक, हमने राज्य में 8.5 लाख सरकारी नौकरियां दी हैं। यह वही राज्य है लेकिन राज्य के विकास की इच्छाशक्ति ने परिवर्तन लाया है। आज अयोध्या और काशी, मथुरा और वृंदावन बदल गए हैं। आज कोई भी उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ राज्य नहीं कह सकता, बल्कि यह भारत के विकास इंजनों में से एक है।