सिद्धार्थनगर । यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री (Basic education minister UP) सतीश चंद्र द्विवेदी (Satish Chandra dwivedi) के गृहजनपद सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) में घूसखोरी मामले में बड़ा बवाल होने की घटना सामने आई है। महिला शिक्षा मित्र (Shikshamitra) ने शिक्षक (बाबू ) को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है। बेसिक शिक्षा मंत्री के विधानसभा के खुनियांव ब्लाक (Khuniyaon Block) के अगर्दी डीह विद्यालय (Agardi Dih School) की घटना बताई जा रही है।
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सिद्धार्थनगर में शिक्षिका ने खंड शिक्षा अधिकारी आफिस में रिश्वत मांगने के आरोपी बाबू को चप्पलों से जमकर धोया pic.twitter.com/mZ3aT6cKhO
— santosh singh (@SantoshGaharwar) August 6, 2021
इस पिटाई का वीडियो वायरल Video Viral) होने पर बीएसए राजेन्द्र सिंह (BSA Rajendra Singh) ने बीईओ को सौंपी जांच। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक मनोज कुमार (Principal Manoj Kumar) के अलावा सहायक अध्यापक तेज पाल(Assistant Teacher Tej Pal ) और शिक्षा मित्र पूनम (Shiksha Mitra Poonam) की तैनाती है।
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बीएसए ने बताया मामले की जांच की जा रही
एक महिला शिक्षमित्र की दो बार बिना किसी समुचित कारण के सीसीएल निरस्त कर दिया गया। इसके बाद तीसरी बार आवेदन की संस्तुति कराने की एवज में बीईओ का बाबू पैसे लेने के लिए उसके स्कूल आ धमका रहा था। इससे आग बबूला शिक्षामित्र ने बाबू को दौड़ा-दौड़ा कर चप्पलों से पीट दिया। बिल बाबू स्कूल में मोटरसाइकिल छोड़ पैदल भागता बना। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बीएसए (BSA) राजेंद्र सिंह ने बताया मामले की जांच की जा रही है।
योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे की कलई खोल कर रख दी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा करने से नहीं थकती है, लेकिन बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जनपद में खंड शिक्षा अधिकारी के लिपिक के रिश्वत मांगने पर पिटाई का वीडियो वायरल होने पर सरकार के दावे की कलई खोल कर रख दी है।
बीते दिनों बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई के EWS कोटे से नियुक्ति का मामला बीते दिनों हुआ था उजागर
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बता दें कि यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ नगर स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का मामला बीते दिनों उजागर हुआ था। इस नियुक्ति में आश्चर्य की बात यह थी कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कोटे से मनोविज्ञान विभाग में की गई थी। इन आरोपों को सूबे के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने निराधार करार दिया था। सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि चयन के लिए विश्वविद्यालय को जो प्रक्रिया करनी थी, उसमें उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। EWS कोटे पर उन्होंने कहा कि उनके और भाई की आय में अंतर है। साथ ही मंत्री ने भी यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी को कुछ भी गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं।
हालांकि जब मामला ज्यादा तूल पकड़ा तब जाकर उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मामला सार्वजनिक होने के बाद राजभवन ने इस केस में रिपोर्ट मांगी थी। विपक्ष ने भी बेसिक शिक्षा मंत्री को निशाने पर लिया था।