UP STF’s 25th Foundation Day : यूपी STF ने गुरुवार 4 मई का अपना 25 वां फाउंडेशन डे मनाया है। इसी दिन यूपी में एक और माफिया को मिट्टी में मिलाने का कार्य किया है। मेरठ में यूपी एसटीएफ (UP STF) से हुई मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना (Gangster Anil Dujana) को ढेर करने के बाद अब यूपी में चिन्हित माफियाओं की सूची में सिर्फ 63 माफिया पुलिस के रडार पर हैं। बता दें कि 4 मई 1998 को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार (Kalyan Singh Government) ने माफिया श्री प्रकाश शुक्ला (Mafia Shri Prakash Shukla)जैसे तमाम गैंगस्टर्स का सफाया करने के लिए गठित की गई स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को अपनी स्थापना के 25 साल पूरे किए हैं।
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योगी सरकार 2.0 ने 66 माफियाओं को किया था चिन्हित
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की दूसरी सरकार में 66 माफियाओं को चिन्हित किया गया था। इनमें से बीते 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी गई तो वहीं दूसरी तरफ अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने मार गिराया। अनिल दुजाना की मौत के साथ ही चिन्हित माफियाओं की सूची में एक और नाम कम हो गया और यह लिस्ट घटकर 63 हो गई है।
अब इन चिन्हित माफियाओं की सूची में मुख्तार अंसारी, सुनील राठी, सुंदर भाटी, बबलू श्रीवास्तव, खान मुबारक समेत 38 माफिया जेल में है। 20 जमानत पर बाहर हैं, जबकि 5 की तलाश की जा रही है। 5 माफिया फरार हैं, उसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश पुलिस का ढाई लाख का इनामी बदन सिंह बद्दो, राशिद नसीम शामिल है। जो 20 माफिया जमानत पर बाहर हैं, उनकी गतिविधियों पर यूपी एसटीएफ लगातार नजर रखे है। इनमें माफिया डॉन बृजेश सिंह,सुशील मूंछ के नाम शामिल हैं।
साल 2017 के बाद यूपी में माफियाओं की उल्टी गिनती है चालू
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साल 2017 में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में बीजेपी (BJP) की सरकार बनने के बाद यूपी में माफियाओं की उल्टी गिनती चालू है। वह फिर चाहे बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हो, चित्रकूट जेल में मुकीम काला और अंशु दीक्षित की गैंगवार में मौत हो या फिर पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ की हत्या, उत्तर प्रदेश में या तो माफिया पुलिस की गोली का शिकार हो रहे हैं या फिर गैंगवार में मारे जा रहे हैं।
पश्चिमी यूपी में बीते डेढ़ दशक से आतंक का पर्याय रहे अनिल दुजाना को एनकाउंटर में मार गिराया तो इसे STF ने अपनी स्थापना के 25वें साल पर यूपी की जनता को क्रिमिनल फ्री स्टेट (Criminal Free State) का गिफ्ट दिया है।
फिर से अपडेट हुई माफिया लिस्ट
बता दें कि बीते दिनों अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ की हत्या के बाद खबर आई थी कि, योगी सरकार अतीक अहमद के बाद अब माफिया सफाई अभियान चलाने जा रही है। उस दौरान 33 के बजाय 61 माफिया की सूची तैयार की गई थी, जिस पर सीएम योगी की मुहर लगनी बाकी थी। स्पेशल डीजी ला एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (Special DG Law and Order Prashant Kumar) के मुताबिक, यूपी पुलिस ने शराब माफिया, पशु तस्कर, वन माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया आदि को चिह्नित कर इस बार 50 शासन द्वारा व 11 पुलिस मुख्यालय स्तर पर माफ़िया की सूची बनाई है।
इनके गैंग को खत्म करने से लेकर उनकी 500 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है। प्रशांत कुमार के मुताबिक भविष्य में इस सूची में नाम और बढ़ाए जा सकते हैं। इसी आधार पर ये लिस्ट 66 तक पहुंची थी। इनमें से अतीक-अशरफ की हत्या तो हो ही गई थी। इसके बाद गुरुवार को गैंगस्टर अनिल दुजाना का एनकाउंटर हो गया और अब इस सूची में 63 माफिया रह गए हैं।
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इस लिस्ट में शामिल प्रमुख माफियाओं के कारनामों पर एक नजर
सुधाकर सिंह, प्रतापगढ़: टॉप 61 माफिया की लिस्ट में सुल्तानपुर के रहने वाले सुधाकर सिंह का नाम है। सुधाकर शराब माफिया है। वह प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व आस-पास के जिलों में अवैध शराब का सबसे बड़ा तस्कर है। बीते साल पुलिस ने उसके अड्डों से करोड़ो की अवैध शराब बरामद की थी। सुधाकर के खिलाफ पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था। अभी सुधाकर जेल में है।
गुड्डू सिंह, कुंडा: प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी संजय प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह शराब माफिया है। बीते साल पुलिस ने हथिगवां के झाझा का पुरवा में करीब 12 करोड़ रुपये का शराब बनाने का केमिकल बरामद किया गया था। इसके पूर्व भी जगह-जगह शराब पकड़ी गई थी। इन सभी मामलों में संजय सिंह उर्फ गड्डू सिंह का नाम सामने आया था। यह भी जेल में है।
गब्बर सिंह , बहराइच: लिस्ट में अगला नाम है लूट, हत्या, डकैती, जमीनों पर कब्जा जैसे 56 मुकदमों के आरोपित देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह का। गब्बर सिंह, एक लाख का इनामी है और जिला पंचायत सदस्य भी है। देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के खिलाफ फैजाबाद, गोंडा, सुलतानपुर, लखनऊ, बहराइच समेत कई जिलों में संगीन धाराओं में मुकदमे हैं। 27 मार्च 2020 को बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच पर चढ़ने के बाद चर्चा में आए गब्बर की मुश्किलें लगातार बढ़ गईं थीं।
उधम सिंह, मेरठ: योगी सरकार पार्ट-1 में टॉप 25 लिस्ट में उधम सिंह का पहले से नाम शुमार था. इस बार भी उसका नाम माफिया की सूची में है. उसका गिरोह मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या की वारदात करता था. फिलहाल उन्नाव जेल में बंद है.
योगेश भदौड़ा, मेरठ: उधम सिंह का सबसे बड़ा विरोधी मेरठ का कुख्यात अपराधी योगेश भदौड़ा है। भदौड़ा गैंग डी 75 का सरगना है। मेरठ के भदौड़ा गांव का रहने वाला है। इसके खिलाफ लूट, हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट व गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में 40 केस दर्ज हैं। भदौड़ा सिद्धार्थनगर जेल में बंद है। योगेश टॉप 25 लिस्ट में भी था।
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बदन सिंह बद्दो: रहन – सहन और शक्ल -ओ- सूरत से यह अपराधी किसी हॉलीवुड एक्टर जैसा लगता है। पश्चिमी यूपी का माफिया बदन सिंह बद्दो दुनिया के किसी कोने में छुपा हुआ है। बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस वक्त उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित है। साल 2019 से बद्दो फरार है। बद्दो टॉप 25 माफिया की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर चुका है।
अजित चौधरी अक्कू: मुरादाबाद का माफिया अजित चौधरी वसूली भाई के नाम से फेमस है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं।
धर्मेंद्र किरठल: बागपत के कुख्यात किरठल के खिलाफ 49 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमे हैं। उसे एसटीएफ ने देहरादून से 2021 को गिरफ्तार किया था।
सुनील राठी: बागपत का रहने वाला कुख्यात सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफिया में शुमार है। राठी मंडोली जेल में बंद है। सुनील राठी वह शख्स है, जिसकी क्राइम हिस्ट्री पर सरकारों के बदलने का भी कभी कोई फर्क नहीं पड़ा। सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन, सुनील राठी अपने वर्चस्व और दबदबे को बनाए रखने में कामयाब रहा।चाहे वह जेल के अंदर हो या फिर जेल से बाहर। योगी सरकार में ही राठी ने बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। राठी टॉप 25 माफिया की लिस्ट में भी था।