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किसान आंदोलन US विदेश मंत्रालय का बयान- फलते-फूलते लोकतंत्र की है पहचान

By Manali Rastogi 
Updated Date

नई दिल्ली: किसान पिछले ढाई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। नए कृषि नियमों के खिलाफ हो रहे इस विरोध-प्रदर्शन पर अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टिप्पणियां आ रही हैं। अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग के बाद अब अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर बुधवार को बयान जारी किया।

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इस मामले को लेकर मंत्रालय का कहना है कि किसी भी फलते-फूलते लोकतंत्र की शांतिपूर्ण आंदोलन पहचान हैं। इसके साथ ही ये भी कहा गया कि मंत्रालय ऐसे कदमों का स्वागत करता है जिससे किसानों के लिए भारत के बाजारों की कुशलता बढ़े और निजी क्षेत्रों की ओर से निवेश आए। यही नहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कुछ ऐसे संकेत भी कि बाइडेन प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए भारत सरकार के कदमों के समर्थन में हैं।

बताते चलें कि पिछले ढाई महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इसकी वजह से अब किसान और केंद्र सरकार आमने-सामने आ चुके हैं। वहीं, अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ये मामला काफी सुर्खियां बटोर रहा है। यही नहीं, 26 जनवरी किसानों की ट्रैक्टर मार्च ने आक्रामक रूप ले लिया था, जिसके कारण दिल्ली पुलिस अब सख्त हो गई है।

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