Valmiki Jayanti 2021: सनातन धर्म के महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिवस देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार वाल्मीकि जी का जन्म अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि (Valmiki Jayanti 2021 Date) के दिन हुआ था और इसलिए हर साल इस दिन को वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। वाल्मीकि जयंती के मौके पर हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों में धार्मिक आयोजन और सामाजिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस बार वाल्मीकि जयंती 20 अक्टूबर बुधवार के दिन पड़ रही है।
पढ़ें :- Masik Shivratri 2024 : मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि इस दिन पड़ेगी, जानें डेट और पूजा मुहूर्त
महर्षि वाल्मीकि के जन्म को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित है। कहा जाता है कि वाल्मीकि का जन्म महर्षि कश्यप और देवी अदिति के 9वें पुत्र और उनकी पत्नी चर्षिणी से हुआ था। कहा जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने ही दुनिया में सबसे पहले श्लोक की रचना की थी।
कहते हैं कि एक बार महर्षि वाल्मीकि ध्यान में मग्न थे। तब उनके शरीर में दीमक चढ़ गई थीं। साधना पूरी होने पर महर्षि वाल्मीकि ने दीमकों को हटाया था। दीमकों के घर को वाल्मीकि कहा जाता है। ऐसे में इन्हें भी वाल्मीकि पुकारा गया। वाल्मीकि को रत्नाकर के नाम से भी जानते हैं।
महर्षि वाल्मीकि जी को एक लेकर एक प्रचलित कहानी ये भी है कि जब भगवान राम ने माता सीता का त्याग किया था तो माता सीता ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में ही निवास किया था। यही कारण है कि माता सीता को वन देवी भी कहते हैं।