नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की नव नियुक्त कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुईद पंडित की नियुक्ति पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। वरुण गांधी ने उन्हें औसत दर्जे का बता कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
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लंदन में पढ़े-लिखे श्री गांधी ने कहा कि प्रोफेसर पंडित के जेएनयू (JNU) का वीसी नियुक्त होने से मानव पूंजी और युवाओं को नुसकान होगा। उन्होंने उनकी प्रेस विज्ञप्ति में व्याकरण संबंधी गलतियों की ओर इशारा किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को जेएनयू की पहली महिला कुलपति के रूप में उन्हें नियुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया है।
This press release from the new JNU VC is an exhibition of illiteracy,littered with grammatical mistakes (would strive vs will strive;students friendly vs student-friendly;excellences vs excellence).Such mediocre appointments serve to damage our human capital & our youth’s future pic.twitter.com/tSanmy3VfR
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 8, 2022
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उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू की नई वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति निरक्षरता की एक प्रदर्शनी है, जो व्याकरण संबंधी गलतियों से भरी हुई है (वुड स्ट्राइव वर्सेस विल स्ट्राइव, स्टूडेंट्स फ्रेंडली वर्सेज स्टूडेंट फ्रेंडली, एक्सीलेंसेज वर्सेस एक्सीलेंस)। इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे की वर्तमान कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित (Professor Shantisree Dhulipudi Pandit) को जेएनयू (JNU) की नई कुलपति नियुक्त किया है। प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित जेएनयू (JNU) की पहली महिला कुलपति होंगी। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के वीसी (JNU Vice Chancellor) के रूप में प्राेफेसर पंडित का कार्यकाल पांच साल की अवधि का होगा।
यह पहली बार है कि देश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की कमान किसी महिला वाइस चांसलर के पास होगी। प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित (Professor Shantisree Dhulipudi Pandit पुणे विश्वविद्यालय (Pune University) में राजनीति व लोक प्रशासन विभाग की प्रोफेसर रही हैं। उनके पास व्यापक अनुभव है।
जेएनयू के कार्यवाहक कुलपति प्राेफेसर एम जगदीश कुमार (Professor M Jagadesh Kumar, Acting Vice Chancellor of JNU) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का चेयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद से यह पद रिक्त था। प्रोफेसर कुमार ने अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद से ही कार्यवाहक कुलपति का दायित्व संभाल रहे थे।