नई दिल्ली। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar Dham Peethadheeshwar Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने दावा किया कि ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज (Jyotishpeethadhiswar Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati Maharaj) हर दो दिन में उन्हें गाली देते हैं। उनके इस बयान पर गोटेगांव के परमहंसी गंगा आश्रम (Paramhansi Ganga Ashram) ने कड़ा ऐतराज जताते हुए शास्त्री से ठोस प्रमाण मांगा है।
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धीरेंद्र शास्त्री का बयान बना विवाद की जड़
पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) ने कहा कि शंकराचार्य द्वारा दी गई गालियां उनके लिए आशीर्वाद के समान हैं। इस टिप्पणी ने सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के अनुयायियों के बीच तीखी बहस छेड़ दी है। शास्त्री के इस कथन को लेकर परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री सोहन तिवारी (Shastri Sohan Tiwari) ने शनिवार को एक वीडियो जारी कर कड़ी आपत्ति दर्ज की। तिवारी ने शास्त्री के बयान को शास्त्र और सनातन परंपरा (Sanatan Dharma) के खिलाफ बताते हुए इसे अनुचित ठहराया।
सोहन तिवारी परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री pic.twitter.com/AnX7D8lco5
— jansampark Time (@Jansampark57723) August 31, 2025
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सोहन तिवारी ने मांगा प्रमाण, दी संवाद की चुनौती
परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री सोहन तिवारी (Shastri Sohan Tiwari) ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि शंकराचार्य जैसे सर्वोच्च पद पर आसीन संत कभी किसी को गाली नहीं देते। धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) का बिना प्रमाण के ऐसा बयान देना शास्त्र और लोकाचार के विरुद्ध है। तिवारी ने शास्त्री से उनके दावे का ठोस सबूत पेश करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने शास्त्री को इस मुद्दे पर खुला संवाद करने के लिए परमहंसी गंगा आश्रम (Paramhansi Ganga Ashram) में आमंत्रित किया है।
शंकराचार्य का पद सर्वोच्च, अपमान अस्वीकार्य
सोहन तिवारी (Sohan Tiwari) ने अपने बयान में सनातन परंपरा में शंकराचार्य के पद को सर्वोच्च बताते हुए कहा, अपने गुरु की महिमा बढ़ाने के लिए किसी अन्य गुरु का अपमान करना अक्षम्य अपराध है। उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों से इस मामले में एकजुटता दिखाने की अपील की और शास्त्री के बयान को सनातन परंपरा के सम्मान के खिलाफ बताया।
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सनातन धर्म के अनुयायी दो खेमों में बंटे
इस विवाद ने सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के अनुयायियों को दो खेमों में बांट दिया है। कुछ लोग धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के बयान को उनका निजी विचार मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे सनातन परंपरा और शंकराचार्य के सम्मान के खिलाफ बता रहे हैं। सोशल मीडिया और धार्मिक मंचों पर यह मुद्दा गर्मागर्म चर्चा का विषय बन गया है।
आगे क्या होगा?
सभी की निगाहें अब धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या वे सोहन तिवारी की चुनौती स्वीकार कर परमहंसी गंगा आश्रम (Paramhansi Ganga Ashram) में संवाद के लिए पहुंचेंगे, या अपने बयान पर कोई सफाई देंगे? यह देखना बाकी है। फिलहाल, यह विवाद सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के अनुयायियों के बीच तीखी बहस का कारण बना हुआ है।