नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ आंदोलनरत पहलवान साक्षी मलिक (Wrestler Sakshi Malik) व उनके पति पति सत्यव्रत कादियान (Satyavrat Kadian) ने एक वीडियो जारी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नाबालिग महिला पहलवान के परिवार को डराया और धमकाया गया। जिसके बाद उसने बयान बदल लिया। उन्होंने कहा कि नाबालिग महिला पहलवान ने पुलिस के सामने 161 और मजिस्ट्रेट के सामने 164 में बयान दिया था, लेकिन उसके परिवार को डराया धमकाया गया, जिसके बाद उसने बयान बदल लिया।
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— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 17, 2023
पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि बीजेपी के 2 लीडर्स ने दिलाई थी आंदोलन की परमिशन
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पहलवान साक्षी मलिक (Wrestler Sakshi Malik) ने कहा कि हमारा आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है, कांग्रेस का भी इसमें कोई हाथ नहीं था। जब पहली बार जनवरी में हमने आंदोलन किया था, तो उस आंदोलन की परमिशन बीजेपी के 2 लीडर्स ने दिलाई थी। जिसका सबूत भी है। आंदोलनरत पहलवान ने कहा कि हमने बार-बार कहा कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि फेडरेशन के खिलाफ थी। उन्होंने कहा कि एक ना होने के कारण प्रशासन इसका फायदा उठाता है। यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है।
12 साल से हो रही थी महिला पहलवानों से छेड़छाड़
साक्षी मलिक (Wrestler Sakshi Malik) और उनके पति सत्यव्रत कादियान (Satyavrat Kadian) ने वीडियो में कहा कि हमारे खिलाफ अफवाएं फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुश्ती से जुड़े 90 फीसदी लोगों को पता है कि पिछले 12 साल से महिला पहलवानों से इस तरह की छेड़छाड़ की जा रही थी। कई लोग इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन हमारी रेसलिंग कमेटी में एकता की कमी थी। अगर किसी ने आवाज उठाने की कोशिश भी की तो ये बात बृजभूषण सिंह तक पहुंचती थी और उसके करियर में दिक्कत आना शुरू हो जाती थी।
साक्षी मलिक ने बताई अब तक चुप्पी की वजह
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साक्षी मलिक (Sakshi Malik)ने कहा कि हम पर आरोप था कि हम अभी तक चुप क्यों थे. इसके कई कारण हैं। पहला कारण तो ये है कि हम पहलवानों में एकता की कमी थी। उन्होंने कहा कि कुश्ती में आने वाले खिलाड़ी गरीब परिवारों से होते हैं। उनमें पावरफुल आदमी के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं होती। साक्षी ने कहा कि जब इंडिया के टॉप रेसलर्स ने आवाज उठाई तो उन्हें किन हालातों से गुजरना पड़ा ये सभी ने देखा।
साक्षी के पति ने बताया कि हरिद्वार में भी इस सिस्टम की साजिश का शिकार हो गए
सत्यव्रत ने कहा कि 28 मई को जो महिला महापंचायत हुई थी, उसका फैसला खाप पंचायत ने लिया था। हमें इस फैसले के बाद पता चला था कि नई संसद का उद्घाटन होने वाला है। लेकिन हमने अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान किया, लेकिन हमारे साथ 28 मई को पुलिस ने जो व्यवहार किया, उसने हमें अंदर से तोड़ दिया था। हमने देश का मान बढ़ाया, लेकिन हमें सड़कों पर रौंद दिया। इससे हम आहत हो गए थे। इसके बाद हमने अपने सारे मेडल्स गंगाजी में प्रवाहित करने का फैसला लिया था। क्योंकि हमें ये मेडल्स बेमानी नजर आ रहे थे। लेकिन हम हरिद्वार में भी इस सिस्टम की साजिश का शिकार हो गए।
कादियान ने आगे बताया कि महिला महापंचायत हमने नहीं बुलाई थी वो खाप पंचायत ने बुलाई थी। हमें बाद में पता चला कि 28 मई को नई संसद का उद्घाटन भी है। हमें जबरदस्ती जंतर-मंतर से हटा दिया गया। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा, चंद्रशेखर आजाद और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल सहित कई संगठनों का धन्यवाद किया।
खापें नाराज हैं, सरकार से बात कौन करा रहा?
हमें भी सुनने में आ रहा है कि कई खापें हमसे नाराज हैं। मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि हमसे जो गलती हुई है, उसे माफ कर दो। तीरथ राणा और बबिता फोगाट का भी धन्यवाद, जिन्होंने पहलवानों को आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और सरकार से बात कराई।
विनेश फोगाट बोली- अंधा राजा अब गूंगा-बहरा हो गया
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वहीं बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद पहली बार पहलवान विनेश फोगाट ने प्रतिक्रिया दी है। विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर पुष्पमित्र उपाध्याय की कविता शेयर की है। जिसमें लिखा है- सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे, छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो, खुद ही अपना चीर बचा लो, ध्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे, सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो…। उनके इस ट्वीट को बृजभूषण पर चार्जशीट से जोड़कर देखा जा रहा है।
#WeWantJustice
pic.twitter.com/Vf1dQnT7hH — Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) June 16, 2023
इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने शुक्रवार को कहा था, ‘चार्जशीट देखने के बाद ही हम अगला कदम उठाएंगे। यह भी देखेंगे की हमारे साथ किए गए वादे पूरे हुए या नहीं।’ पहलवान आंदोलन के दौरान किए गए केस की वापसी का भी इंतजार कर रहे हैं।
एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराए जाने की मांग
6 ने पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को लेटर लिख कर एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराए जाने की मांग की है। इनमें पत्र लिखने वालों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान, संगीता और जितेंदर शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि धरने की वजह से उन्हें 23 सितंबर से हांगझोउ (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल की तैयारियों के लिए कुछ और समय की जरूरत है। मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की एडहॉक समिति से पहलवानों की मांग पर विचार करने को कहा है। वहीं, IOA ने शुक्रवार को एशियाई ओलिंपिक परिषद (OCA) से एक माह की देरी से एंट्री भेजने की मंजूरी मांगी है। एशियाई खेलों के लिए नाम के साथ एंट्री की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। एडहॉक समिति इससे पहले ट्रायल चाह रही है।