चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) की राजधानी चंडीगढ़ (Capital Chandigarh) में तैनात स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग (Yashpal Garg) की इन दिनों लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2008 बैच के इस वरिष्ठ आईएएस (IAS) अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक शख्स को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देते दिख रहे हैं।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ (Chandigarh) के सेक्टर-41 निवासी जनक लाल मंगलवार सुबह चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CHB) के दफ्तर पहुंचे थे, जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह वहीं गिर पड़े। इस बीच स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग (Yashpal Garg) को जब इसका पता चला तो तुरंत वहां पहुंचे को जनक लाल को सीपीआर (CPR) देकर उनकी जान बचाई। अब उन्हें सेक्टर-16 स्थित सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल (Government Multi Specialty Hospital) में निगरानी में रखा गया है।
एक आदमी को हार्ट अटैक आया तो चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी IAS @Garg_Yashpal जी ने तुरंत CPR देकर उस आदमी की जान बचाई। उनके इस काम की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। हार्ट अटैक से जानें बचाई जा सकती हैं। हर इंसान को CPR सीखना चाहिए। pic.twitter.com/C7dWVsAoOI
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 18, 2023
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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल (Delhi Women’s Commission Chairperson Swati Maliwal) ने ट्विटर पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग (Chandigarh health secretary Yashpal Garg) की तारीफ करते हुए कहा कि हर इंसान को सीपीआर (CPR) सीखना चाहिए।
यशपाल गर्ग (Yashpal Garg)इस घटना को लेकर मीडिया से बातचीत में बताया कि मैं सीएचबी में अपने केबिन में था। इस बीच जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव तिवारी (Director of Public Relations Rajeev Tiwari) मेरे चेंबर में दौड़े हुए आए और बताया कि सीएचबी सेक्रेटरी के चेंबर में एक शख्स गिर गया है। मैं वहां गया और उसे सीपीआर दिया।
गर्ग ने साथ ही बताया कि उनके पास सीपीआर (CPR) देने का कोई अनुभव या ट्रेनिंग नहीं थी। उन्होंने हाल ही में एक न्यूज़ चैनल पर एक डॉक्टर को मरीज को सीपीआर देकर बचाते हुए देखा था। वह बताते हैं कि टीवी पर दिखाई गई वह घटना दो महीने पहले की थी। गर्ग ने कहा कि मुझे पता है कि मैंने जो प्रक्रिया अपनाई वह उचित नहीं हो सकती है, लेकिन उस समय मेरे दिमाग में जो आया मैंने वही किया। वह कहते हैं जिंदगी बचाने की तत्काल कोशिश दूसरी चीजों पर वक्त बर्बाद करने से ज्यादा अहम था।