नई दिल्ली। मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है। देश में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर माहौल गर्म है। केंद्र की मोदी सरकार 2 अप्रैल बुधवार को दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी। इस बीच वक्फ विधेयक को लेकर बयानबाजी जारी है और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया है।
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वक्फ संशोधन विधेयक पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘ये वक्फ बिल असंवैधानिक है। ये बिल अनुच्छेद 14,25,26,29 का गंभीर उल्लंघन है। ये वक्फ बिल नहीं है बल्कि ये वक्फ बर्बाद बिल है। ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसका एक ही मकसद है मुसलमानों से नफरत, जो बाते दूसरे समुदायों के लिए सही हैं वह यहां कैसे गलत हो सकती हैं?
‘वक्फ संशोधन विधेयक 2013 में भी हो चुका है पेश’
जदयू सांसद संजय झा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा कि नीतीश कुमार पिछले 19 वर्षों से बिहार में काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम किया है वह भी सामने है। वक्फ बिल पहली बार नहीं आ रहा है। पहले भी 2013 में संशोधित बिल आया था। सबसे बड़ा दंगा, भागलपुर दंगा कांग्रेस के समय में हुआ था और उसके बाद राजद की सरकार थी। उस दौरान किसी भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला था। नीतीश कुमार आए जिसके बाद सबको न्याय मिला। नीतीश कुमार की राजनीति जब तक है लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी।
भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने वक्फ (संशोधन)विधेयक पर कहा, कि वक्फ गरीब मुसलमानों के लिए स्वप्न को पूरा करने जैसा है। यह उनकी बद्हाली की अवस्था को ठीक करने वाला बिल है। इस बिल में किसी भी वक्फ की एक इंच जमीन को न तो सरकार ले रही है और न ही कोई और ले रहा है। किसी को भी न्यायालय में अपनी बात, अपना पक्ष रखने का अधिकार होगा, यदि कोई इस संशोधन का विरोध करता है तो मैं समझता हूं कि वे संविधान का विरोधी है और भीम राव अंबेडकर का विरोध करने वाला है।