नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का मानना है कि उनके समय में कई युवा खिलाड़ियों को आजमाया गया। इसी वजह से बेंच स्ट्रेथ मजबूत हुई। यही वजह है कि इन दिनों दो भारतीय टीम चर्चा में हैं, जिनमें एक 18 जून से शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने के लिए इंग्लैंड में मौजूद है।
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ज्यादातर खिलाड़ी आइपीएल से गए हैं और ऐसे में इन्हें टी-20 क्रिकेट से सीधे टेस्ट क्रिकेट की मानसिकता में जाना है। हालांकि खिलाड़ी काफी पेशेवर हैं, मगर प्रारूप के हिसाब से आपको बल्लेबाजी को ढालना तो पड़ेगा ही।
आपको याद होगा कोहली ने आइपीएल 2016 में 900 से अधिक रन बनाए थे, उसके ठीक एक सप्ताह बाद टीम सीधे वेस्टइंडीज खेलने गई और वहां पर जाते ही सीरीज के पहले टेस्ट मैच में कोहली ने दोहरा शतक मारा। इस पारी के दौरान उन्होंने एक भी शाट हवा में नहीं मारा, इसलिए प्रारूप के हिसाब से बल्लेबाजी को ढालना भी चुनौतीपूर्ण होगा।