अमेठी: केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी शनिवार 12 जून को एक दिन के दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची। स्मृति ईरानी के दौरे के दौरान एक एक युवती उनके सामने पहुंची और रोने लगी। दरअसल, जब उससे केंद्रीय मंत्री ने रोने का कारण पूछा तो उसने मां के साथ लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीटयूट के स्टाफ पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। जिसके बाद स्मृति ईरानी ने मौके पर मौजूद अमेठी डीएम और एसपी को मामले की जांच के आदेश दिया।
पढ़ें :- Video-कांग्रेस का बड़ा आरोप, PM मोदी की सभा के कारण राहुल के गांधी हेलिकॉप्टर को ATC ने नहीं दिया क्लीयरेंस
खबरों के मुताबिक, अमेठी शहर के एक वार्ड निवासी महिला को पिछली छह तारीख को तबीयत खराब होने पर संयुक्त जिला अस्पताल गौरीगंज में भर्ती कराया गया था। लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर डॉक्टरों ने महिला को लोहिया संस्थान रेफर कर दिया। परिवारीजन मरीज को लेकर लोहिया की इमरजेंसी में पहुंचे। पीड़िता की बेटी का आरोप है कि वहां सात तारीख को उसकी मां को पहले इमरजेंसी व बाद में चौथी मंजिल के बेड संख्या 41 पर भर्ती कर दिया गया। इसके बाद परिजनों को बाहर भेज दिया गया।
इतना ही नहीं, किसी को मिलने नहीं दिया गया। बहुत निवेदन करने पर जब उसे मरीज से मिलने दिया गया तो उसकी हालत खराब थी।मिलने पर उसकी मां ने चिकित्सकों व स्टाफ द्वारा उसे मारने-पीटने तथा कुछ गलत किए जाने की बात कही। घटना से महिला डरी-सहमी है। घबराए परिवारीजनों ने आनन-फानन शुक्रवार को मरीज को डिस्चार्ज करा लिया। मरीज को गौरीगंज स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार को अचानक जिला मुख्यालय पहुंचीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से युवती ने कहा कि मां को भर्ती कराने के बाद जब परिजन सुबह केस दर्ज कराने स्थानीय थाने पहुंचे तो पुलिस ने टरका दिया।
युवती की बात सुनने के बाद स्मृति ने डीएम, एसपी व सीएमओ से वार्ता कर मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं, लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने बताया कि मरीज को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। परिवारीजन अपनी मर्जी से मरीज को डिस्चार्ज कराकर ले गए हैं। मरीज से मारपीट व छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद हैं। अभी तक कोई शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है। मरीज को गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया था।
गठित की गई जांच कमेटी
डीएम डीएम अरुण कुमार ने कहा कि युवती के आरोप बेहद गंभीर हैं। पूरे मामले की जांच के लिए एसडीएम व सीओ गौरीगंज तथा एसीएमओ की जांच कमेटी गठित की गई है। महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण बताए जा रहे हैं। इसका इलाज मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी।