Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. ऐसी कौन सी नौकरी जिसमें सैलरी से ज्यादा है पेंशन…सेबी प्रमुख पर कांग्रेस का बड़ा हमला

ऐसी कौन सी नौकरी जिसमें सैलरी से ज्यादा है पेंशन…सेबी प्रमुख पर कांग्रेस का बड़ा हमला

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉफ्रेंस करके निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि, ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन सैलरी से ज्यादा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में आरोप लगाया कि सेवानिवृति के बाद भी ICICI बैंक ने माधबी पुरी बुच को वित्तीय लाभ पहुंचाया जो हितों का टकराव है।

पढ़ें :- अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी राजनीति कर फैला रहे हैं अफवाह

पवन खेड़ा ने प्रेस कॉ्फ्रेंस में कहा कि, जब माधबी पुरी बुच ICICI से रिटायर हुईं तो.. 2013-14 में उन्हें 71.90 लाख रुपए की ग्रेच्युटी मिली। 2014-15 में उन्हें 5.36 करोड़ रुपए रिटायरमेंट कम्यूटेड पेंशन मिली। लेकिन अगर 2014-15 में माधबी पुरी बुच और ICICI के बीच सेटलमेंट हो गया था और 2015-16 में उन्हें ICICI से कुछ नहीं मिला तो फिर 2016-17 में पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई? अब अगर साल 2007-2008 से 2013-14 तक की माधबी पुरी बुच की औसत सैलरी निकाली जाए, जब वो ICICI में थीं, तो वो करीब 1.30 करोड़ रुपए थी। लेकिन माधबी पुरी बुच की पेंशन का औसत 2.77 करोड़ रुपए है।

उन्होंने आगे कहा, ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन.. सैलरी से ज्यादा है। उम्मीद है कि माधबी पुरी बुच जवाब देंगी कि 2016-17 में तथाकथित पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई थी?ध्यान रहे कि 2016-17 में माधबी पुरी बुच की 2.77 करोड़ रुपए की पेंशन तब फिर से शुरू हुई, जब वो SEBI में Whole time member बन चुकी थीं।

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि, ICICI कहता है कि हमारे कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों के पास अपना ESOPs एक्सरसाइज करने की च्वाइस होती है। अमेरिका की एक वेबसाइट पर ICICI ने लिखा है कि अगर ICICI बैंक से खुद इस्तीफा दिया जाए तो, उसके तीन महीने के अंदर ही ESOPs एक्सरसाइज किया जा सकता है। लेकिन माधबी बुच जी इस्तीफा देने के 8 साल बाद भी ESOPs चला रही हैं। आखिर इस तरह का लाभ ICICI के हर एम्पलाई को क्यों नहीं मिलता?

उन्होंने आगे कहा, ICICI ने माधबी पुरी बुच की ओर से ESOP पर TDS दिया। अब सवाल है कि क्या ऐसी नीति ICICI के तमाम अधिकारी/कर्मचारी के लिए है? लेकिन अगर ICICI ने माधबी पुरी बुच की ओर से ESOP पर TDS दे दिया, तो क्या वो माधबी पुरी बुच की इनकम में न गिना जाए। अगर इनकम में है तो फिर टैक्स दिया जाना चाहिए, तो ICICI ने इस TDS अमाउंट को Taxable Income में क्यों नहीं दिखाया? ये इनकम टैक्स एक्ट का उल्लंघन है।

पढ़ें :- झारखंड के तीन सबसे बड़े दुश्मन JMM, RJD और कांग्रेस, इस सरकार ने जल, जंगल और जमीन सबमें भ्रष्टाचार किया: पीएम मोदी

 

Advertisement