नई दिल्ली। भारतीय मूल की अनीता आनंद (Indian-origin Anita Anand) अब कनाडा में प्रधानमंत्री पद की रेस से हट गई हैं। अनीता आनंद को जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के रिप्लेसमेंट के तौर पर देखा जा रहा था। उनसे पहले दो और लोग भी इस रेस से हट चुके हैं। ऐसे में ट्रूडो की जगह कौन लेगा? यह रेस अब दिलचस्प हो चुका है। ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश के कुछ ही दिनों के अंदर अनीता आनंद (Anita Anand) का बयान आया है। उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि वह अगला चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। अनीता आनंद (Anita Anand) अओंटारियो के ओकविले से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि जबकि प्रधानमंत्री ने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है, मेरे लिए भी समय आ चुका है कि मैं भी ऐसा ही करूं।
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तमिल पिता और पंजाबी मां की संतान, 57 वर्षीय अनीता के पास जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के कैबिनेट में कई पोर्टफोलियो थे। ट्रूडो कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद से आनंद ने सार्वजनिक सेवा और खरीद और रक्षा जैसे मंत्रालयों को संभाला है। उन्हें 2024 में ट्रेजरी बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था। रक्षा मंत्री के रूप में, आनंद ने रूस के साथ चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन को सहायता प्रदान करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी जड़ों के बारे में बात करते हुए, उसने कहा कि कई लोगों ने उसे यह कहते हुए लिखा था कि भारतीय मूल (Indian-origin) का कोई व्यक्ति ओकविले नहीं जीत सकता। फिर भी मैं ओकविले में 2019 के बाद से एक नहीं, बल्कि दो बार जीती। उन्होंने कहा कि मैं इस सम्मान को हमेशा के लिए अपने दिल में रखूंगी। उसके माता-पिता, जो दोनों डॉक्टर थे, कनाडा में आकर बस गए। आनंद के दादा तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानी थे।
गौरतलब है कि दो अन्य प्रमुख दावेदारों, विदेश मंत्री मेलानी जॉय (Foreign Minister Melanie Joy) और वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक (Finance Minister Dominic LeBlanc) ने भी पिछले सप्ताह दौड़ से बाहर रहने के अपने फैसले की घोषणा की। 2019 में राजनीति में प्रवेश करने से पहले, आनंद येल विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग लेक्चरर और टोरंटो यूनिवर्सिटी (University of Toronto) में कानून के प्रोफेसर थे।