Winter Tourism In Pilgrimage : देवभूमि (देवताओं की भूमि) उत्तराखंड के पवित्र आध्यात्मिक स्थल और तीर्थ केंद्र यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण ये स्थान दुर्गम हो जाते हैं। ऐसे में इन पूजनीय मंदिरों के द्वार बंद हो जाते है। सदियों में इन तीर्थ स्थलों के पूज्यनीय देवी, देवताओं की पूजा कम ऊंचाई पर निवास करने का निर्णय लेते हैं, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘शीतकालीन चार धाम’ के रूप में जाना जाता है। सर्दियों के मौसम में पर्यटक इन स्थलों पर जा कर पूजनीय देवताओं के दर्शन कर सकते है। यह ऐक अनोख अनुभव होता है। नए प्रकार के आध्यात्मिक विचार को जन्म देता है।
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उखीमठ
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित, उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर भगवान केदारनाथ (भगवान शिव) का शीतकालीन निवास स्थान है। हर साल, सर्दियों की शुरुआत में भगवान शिव के प्रतीक को एक डोली यात्रा के साथ श्रद्धालु भगवान केदारनाथ (भगवान शिव) की इस स्थल पर पूजा करते है। है। यहां छह महीने तक भगवान की पूजा की जाती है। जब तक कि केदारनाथ मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए नहीं खुल जाते।
हिमालय पर्वतमाला की चारों ओर से घिरी बर्फ से ढकी चोटियाँ उखीमठ को आश्चर्यजनक बनाती हैं। उखीमठ से दिखाई देने वाली कुछ चोटियों में केदारनाथ और नीलकंठ शामिल हैं। उखीमठ में देवी उषा, भगवान शिव, भगवान अनिरुद्ध और देवी पार्वती, आदि को समर्पित ऐसे प्रतिष्ठित मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है।
काशी
उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के तट पर काशी स्थित है। काशी को सबसे प्राचीन पवित्र तीर्थ् स्थलों के रूप में मान्यता मिली है। भगवान शिव की नगरी काशी आध्यात्मिक जागरूकता और मुक्ति की तलाश करने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है।