World Air Quality Report: स्विस फर्म आईक्यूएयर ने बीते 14 मार्च को जारी अपनी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट’ में भारत को 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 50 शहरों में से 39 भारत के हैं।
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भारत के करीब 60 फीसदी शहरों में प्रदूषण WHO के मानकों से सात गुना अधिक है हवा में प्रदूषण
भारत के करीब 60 फीसदी शहरों में प्रदूषण WHO के मानकों से सात गुना अधिक है। साल 2022 में भारत में हवा में प्रदूषण नापने की इकाई PM2.5 में कुछ गिरावट आई है। इसका स्तर 53.3 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर रहा। यह 2021 (58.1 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर) की तुलना में थोड़ा कम है। साल 2022 में ही भारत ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लक्ष्य में बदलाव किया और 2026 तक प्रदूषण में 40 फीसदी कमी करने की बात कही थी।
चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत, भारत, मिस्र और ताजिकिस्तान शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पीएम 25 दिशा—निर्देश को पूरा किया।
भारत दुनिया का 8वां सबसे प्रदूषित देश
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दिल्ली में कितना प्रदूषण
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का पीएम2.5 स्तर सुरक्षित सीमा से लगभग 20 गुना अधिक है. दिल्ली अब तक दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही है और रिपोर्ट ने ‘ग्रेटर’ दिल्ली और नई दिल्ली राजधानी के बीच अंतर किया है। राष्ट्रीय राजधानी के परिधीय क्षेत्र- नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सालों में रिपोर्ट किए गए औसत पीएम25 स्तरों की तुलना में गुरुग्राम में 34 प्रतिशत और फरीदाबाद में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिल्ली में आठ फीसदी की गिरावट देखी गई है।
दुनिया के सबसे प्रदूषित प्रदूषित शहर
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इस वजह से होता है प्रदूषण
ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल का कहना है कि वायु प्रदूषण भारत के लिए बड़ा खतरा है। सरकार को इसे कम करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उद्योगों, गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियमों की जरूरत है। इसके साथ ही सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में निवेश करने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ट्रांसपोर्टेशन पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है।
वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल 60 लाख से अधिक मौतें होती हैं। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य बिगड़ता हैं जिनमें अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों की बीमारियां, हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु दर शामिल हैं, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 10 शहरों और हरियाणा के सात शहरों सहित 31 शहरों में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट देखी गई है।