पटना। बिहार में राजनीति को नई दिशा देने का दावा करते हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने बुधवार को जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) लांच कर दी है। इसके दलित को अपने पार्टी की कमान सौंपी, लेकिन मनोज भारती (Manoj Bharti) की उपलब्धियों की लंबी लिस्ट देख आप जरूर चौंक जाएंगे। जी हां हम बिल्कुल सही कह रहे हैं।
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प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) खुद को अब भी वह रणनीतिकार की ही भूमिका में रखेंगे। उन्होंने एक रणनीतिकार की तरह ही अपनी जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) की स्थापना के साथ दलित चेहरे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) जिस तरह से मुसलमान और दलित की बात कर रहे थे, उम्मीद यही थी कि वह पत्नी को नहीं बल्कि ऐसे ही किसी चेहरे को सामने करेंगे। वही हुआ भी। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने अपनी टीम में जुड़े पढ़े-लिखे लोगों में से एक मनोज भारती (Manoj Bharti) को पार्टी की कमान सौंपी। बिहार में मधुबनी के रहने वाले मनोज भारती (Prashant Kishore) संयुक्त बिहार के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट से निकलने के बाद आईआईटी से इंजीनियर बने और फिर भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी। वह नौ भाषाओं के जानकार हैं और आईएफएस बनने के बाद भी पढ़ाई कर डॉक्टरेट भी ले चुके हैं।
जी20 के दौरान पीएम मोदी और 13 केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम का प्रबंधन कर चुके हैं मनोज भारती
जिस तरह पीके खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आसपास रहे थे, उनकी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए मनोज भारती (Manoj Bharti) भी पिछले साल पीएम मोदी के करीब रहे थे। उन्होंने जी20 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और 13 केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम का प्रबंधन कर रहे थे। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) के इंडोनेशिया दौरे का समन्वय भी किया था। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे मनोज भारती (Manoj Bharti) नौ भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, फ़ारसी, बंगाली, रूसी, बहासा, फ़्रेंच और तुर्की के जानकार हैं। 1973-1980 बैच के नेतरहाट के विद्यार्थी रहे मनोज भारती (Manoj Bharti) ने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में 1980-85 में आईआईटी कानपुर से बी.टेक. किया था। इसके बाद 1988 बैच के आईएफएस (IFS) बने। आईएफएस (IFS) के रूप में यूक्रेन में सेवा देने के दौरान ही मनोज भारती (Manoj Bharti) ने मास्टर इन इंटरनेशनल रिलेशन और डॉक्टर इन फिलॉसफी भी हासिल की।
बांग्लादेश बस यात्रा शुरू कराने में निभा चुके हैं अहम भूमिका
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भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के रूप में 1990 से 1992 तक वह ईरान के तेहरान और फिर 1993 से 1996 तक नीदरलैंड में रहे। वर्ष 1997 से 1999 तक वह नई दिल्ली में पदस्थापित रहे और कोलकाता-ढाका बस सेवा की शुरुआत में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1999 से 2002 तक मनोज भारती नेपाल में थे। उसके बाद 2002 से 2005 तक तुर्किये और 2005 से 2008 तक म्यांमार में रहने के बाद 2008 से 2011 तक फिर नई दिल्ली में रहे। वर्ष 2011 के में में बेलारूस में भारत के राजदूत बनकर गए और सितंबर 2015 तक वहीं रहे। वहां से यूक्रेन में भारत के राजदूत बनकर सितंबर 2015 से अक्टूबर 2018 तक रहे। अक्टूबर 2018 से जून 2019 तक वह विदेश मंत्रालय के इकोनॉमिक डिप्लोमेसी में अतिरिक्त सचिव की भूमिका में रहे। इसके बाद जून 2019 से जनवरी 2021 तक नई दिल्ली में ही विदेश मंत्रालय के तहत सचिव (प्रशासन) की भूमिका निभाई। जनवरी 2021 से मार्च 2023 तक मनोज भारती (Manoj Bharti) इंडोनेशिया में भारत के राजदूत के रूप में पदस्थापित रहे।