बलिया। दादी को जितना प्यार अपने पोते से होता है उतना ही प्यार पोता भी अपनी दादी से करता है। इसका एक मिशाल उत्तर प्रदेश के बलिया में देखने को मिला है, जहां एक पोते ने अपनी दादी की जिंदगी बचाने के लिए खुद मौत को गले लगा लिया। दरअसल 11 साल के बच्चे ने अपनी दादी की जान बचाने के लिए सांप से लड़ गया, जिस कारण उसकी मौत हो गई।
बलिया के कोतवाली क्षेत्र के दराव गांव निवासी 11 वर्षीय अनुज राजभर अपने पिता बालखंडी और दादी के साथ चौकी पर सोया हुआ था। रात करीब 11 बजे, अनुज की नींद अचानक खुल गई। उसने देखा कि एक सांप उसकी दादी के पेट पर बैठा हुआ है। उसी दौरान बिना घबराए, अनुज ने तुरंत सांप को पकड़ने और हटाने की कोशिश की ताकि उसकी दादी को कोई नुकसान न पहुंचे। लेकिन इसी दौरान सांप ने अनुज को डंस लिया। अनुज की चीख सुनकर परिजन जाग गए और आनन-फानन में उसे बांसडीह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि अनुज ने मरने से पहले बताया था कि वह अपनी दादी को बचाने के लिए ही सांप से भिड़ गया था। अनुज अपने पिता का सबसे छोटा बेटा था और पढ़ाई में भी बहुत होशियार था।
पढ़ें :- Modi-Putin Joint Statement : पुतिन,बोले- 'भारत को जारी रहेगी फ्यूल सप्लाई', पीएम मोदी ने कहा- रूसी नागरिकों को मिलेगा फ्री ई-टूरिस्ट वीजा
शोक में डूबा पूरा गांव
अनुज की इस असाधारण बहादुरी की चर्चा अब पूरे गांव में हो रही है। लोग उसकी हिम्मत को सलाम कर रहे हैं, लेकिन उसकी मौत से सभी गमगीन हैं। गांव में माहौल शोकाकुल है और हर कोई इस नन्हे नायक को याद कर रहा है। बता दे कि बारिश के मौसम में ग्रामीण इलाकों में सांप निकलना आम बात हो गई है। कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने से जान बचाना मुश्किल हो जाता है। गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में सांप से बचाव और इलाज को लेकर जागरूकता फैलाई जाए, अस्पतालों में एंटी-वेनम दवाएं उपलब्ध कराई जाएं, प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को बेहतर बनाया जाए।