Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. पंचांग • सोमवार, 12 जुलाई 2021

पंचांग • सोमवार, 12 जुलाई 2021

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

पंचांग • सोमवार, 12 जुलाई 2021

पढ़ें :- Tulsi Mala : तुलसी माला धारण के ये है नियम , ये ग्रह मजबूत होते  है

विक्रम संवत – 2078, आनंद,
शक संवत – 1943, प्लावस
पूर्णिमांत – आषाढ़:
अमंत मास – आषाढ़:

तिथि
शुक्ल पक्ष द्वितीया – 11 जुलाई 07:47 पूर्वाह्न – जुलाई 12 08:19 पूर्वाह्न
शुक्ल पक्ष तृतीया – जुलाई 12 08:19 पूर्वाह्न – 13 जुलाई 08:24 पूर्वाह्न

नक्षत्र
अश्लेषा – जुलाई 12 02:22 पूर्वाह्न – जुलाई 13 03:14 पूर्वाह्न
माघ – 13 जुलाई 03:14 पूर्वाह्न – 14 जुलाई 03:41 पूर्वाह्न

करण
कौलवा – जुलाई 11 08:07 अपराह्न – जुलाई 12 08:19 पूर्वाह्न
तैतीला – जुलाई 12 08:19 पूर्वाह्न – जुलाई 12 08:25 अपराह्न
गरिजा – जुलाई 12 08:25 अपराह्न – 13 जुलाई 08:24 पूर्वाह्न

पढ़ें :- Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्रीहरि की कृपा बरसती है , जानें तिथि - शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

योग
वज्र – 11 जुलाई 04:31 अपराह्न – 12 जुलाई 03:51 अपराह्न
सिद्धि – जुलाई 12 03:51 अपराह्न – 13 जुलाई 02:48 अपराह्न

वारा
सोमवार (सोमवार)

त्यौहार और व्रत
पुरी रथ यात्रा
सोमवार व्रत

सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 5:53 AM
सूर्यास्त – 7:12 अपराह्न
चंद्रोदय – जुलाई 12 7:38 AM
चांदनी – जुलाई 12 9:17 अपराह्न

अशुभ काल
राहु – 7:32 पूर्वाह्न – 9:12 पूर्वाह्न
यमगंडा – 10:52 पूर्वाह्न – 12:32 अपराह्न
गुलिक – 2:12 अपराह्न – 3:52 अपराह्न
दुर मुहूर्त – 12:59 अपराह्न – 01:52 अपराह्न, 03:38 अपराह्न – 04:32 अपराह्न
वर्ज्यम – 03:28 अपराह्न – 05:05 अपराह्न

पढ़ें :- Vivah Panchami 2024 : विवाह पंचमी के दिन करें ये काम , जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – 12:05 अपराह्न – 12:59 अपराह्न
अमृत ​​काल – 01:35 पूर्वाह्न – 03:14 पूर्वाह्न
ब्रह्म मुहूर्त – 04:16 पूर्वाह्न – 05:04 पूर्वाह्न

आनंददी योग
सौम्या तक – 03:14 AM
धंक्षा (थुलंक्ष)

सूर्या रसी
मिथुन राशि में सूर्य (मिथुन)

चंद्र रासी
सिंह राशि में प्रवेश करने से पहले चंद्रमा 13 जुलाई, 03:14 पूर्वाह्न तक कारक राशि से यात्रा करता है

चंद्र मास
अमंता – आषाढ़:
पूर्णिमांत – आषाढ़:
शक वर्ष (राष्ट्रीय कैलेंडर) – आषाढ़ 21, 1943
वैदिक ऋतु – ग्रिश्मा (ग्रीष्मकालीन)
ड्रिक रितु – वर्षा (मानसून)

चंद्राष्टम
1. मूल, पूर्वा आषाढ़, उत्तरा आषाढ़ प्रथम 1 पदम

पढ़ें :- Darsh Amavasya 2024 : दर्श अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए करें पूजा , जानें महत्व और पूजा विधि
Advertisement