नई दिल्ली। एप्पल यानी आई फोन के सीईओ टिम कुक इस समय भारत से बहुत खुश है। इस तिमाही में भारत में उन्होने सबसे अधिक सेल की है। दो दर्जन से अधिक देशों से ज्यादा भारत से उन्होने रेवन्यू एकत्र किया है। एनालिस्ट्स को बयान देते हुए कुक ने कहा कि आईफोन, मैक और दूसरी सर्विसेज में हुए ग्रोथ के कारण यह नतिजा आया है।
एप्पल के सीईओ कुक ने बताया कि दुनिया में जितने भी बाजार है, वहां हमने बहुत अच्छा ग्रोथ मिला है। दुनिया भर में आईफोन को ग्रोथ सामने आया है। भारत और साउथ एशिया सहित ब्राजिल जैसे उभरते हुए देश में भी दोहरे अंक में वृद्धि हुई है। मैक ने भी शानदार प्रदर्शन किया है और उसकी सेल में भी 15 प्रतिशत का उछाल आया है। कुक ने बताया कि हाल ही में साउदी अरब में आॅनलाइल एप्पल स्टोर लांच किया गया है। साल के आखरी तक संयुक्त अरब आमीरत और भारत में आॅनलाइन एप्पल स्टोर लांच किया जाएगा।
पढ़ें :- Good News: अब EMI होगी कम, RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का लिया फैसला
तेजी से भारत में बढ़ा एप्पल का बाजार
सीईओ कुक ने बताया कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर अब भारत में ही बनते है और यही से अमेरिका भेजा जाता है। जून की तिमाही में कंपनी ने रिकॉड तोड़ डबल डीजिट ग्रोथ हासिल किया है। इस तिमाही आइफोन ने सात प्रतिशत बिक्री के साथ 23 प्रतिशत रेवेन्यु हासिल किया है। सबसे ज्यादा आइफोन 16 की बिक्री हुई है।
टिम कुक ने जताई चिंता
एप्पल ने वित्त वर्ष 2025-26 की तिसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 94.04 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया है। जो पिछले साल की तुलना में 10% अधिक है। हालांकि, कंपनी के सीईओ टिम कुक अमेरिकी ट्रेड पॉलिसीज के कारण भारत में बनने वाले आइफोन पर टैरिफ के असर को लेकर चिंतित हैं। टिम कुक ने कहा कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आइफोन
अब भारत में बनते हैं, लेकिन अमेरिका की नई टैरिफ नीतियों के चलते कंपनी को चौथी तिमाही में ही 1.1 अरब डॉलर तक के टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि एप्पल के अधिकांश प्रोडक्ट (इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट) के तहत जांच के दायरे में आते हैं।
पढ़ें :- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हुमायूं कबीर को दी चेतावनी, बोले- बाबर के नाम पर मस्जिद बनाई तो उसका भी वही हाल होगा
ट्रंप की चेतावनी
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिम कुक को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि iPhone का निर्माण अमेरिका से बाहर होता है, तो कंपनी को 25% तक टैरिफ चुकाना होगा। उन्होंने भारत को सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक बताते हुए एप्पल के भारत में निर्माण का विरोध किया है।
भारत बना प्रोडक्शन का नया हब
इसके बावजूद एप्पल भारत में अपने विस्तार की गति तेज कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ योजना, सस्ती लेबर और सरकार के समर्थन से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। एप्पल वियतनाम में मैक, आईपैड और वॉच बनाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए अभी भी बड़े पैमाने पर चीन पर निर्भर है।
अमेरिका में भी निवेश जारी
पढ़ें :- “सेवा भारती ने स्कूली बच्चों में जगाई जागरूकता—बाल विवाह रोकने का दिया सशक्त संदेश”
टैरिफ के दबाव के बीच टिम कुक ने अमेरिका में अगले चार वर्षों में 500 अरब डॉलर के निवेश की योजना की भी घोषणा की है। इसमें टेक्सास में नई एआई सर्वर फैक्ट्री और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग फंड को दोगुना करना शामिल है।