Ayodhya Ram Mandir Pran Pratistha Program : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony) के लिए श्रीराम जन्मभूमि मामले में ऐतिहासिक फैसला देने वाले 5 जजों को भी न्योता भेजा गया है। लेकिन इस भव्य कार्यक्रम में 5 में से 4 जज शामिल नहीं हो पाएंगे। चारों जज विभिन्न कारणों के चलते सोमवार को होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का हिस्सा रहे जजों में से एक ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए न्योता दिया गया था। इनमें वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के अलावा, तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई (Former CJI Ranjan Gogoi) और पूर्व सीजेआई एसए बोबडे (Former CJI SA Bobde), पूर्व जस्टिस अशोक भूषण (Former Justice Ashok Bhushan) और एस अब्दुल नजीर (Former Justice S Abdul Nazeer) को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भेजा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, पूर्व सीजेआई गोगोई और एसए बोबडे के अलावा जस्टिस नजीर विभिन्न कारणों से सोमवार को होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस कार्यक्रम में केवल जस्टिस भूषण ही में शामिल होंगे।
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 में राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए पूर्व सीजेआई गोगोई (Former CJI Ranjan Gogoi) अपने MPLAD फंड से निर्वाचन क्षेत्रों में की जा रही कल्याणकारी परियोजनाओं का जायजा लेंगे। इसके अलावा वह कई अनाथालयों, गैर सरकारी संगठनों की मदद करने और असम में अपनी माता द्वारा दशकों पहले शुरू की गयी विभिन्न धर्मार्थ कार्यों को सुव्यवस्थित करने में व्यस्त रहने वाले हैं।
वहीं, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वर्किंग डे होगा और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के लोकाचार को देखते हुए वह किसी धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए कोर्ट का काम नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा नागपुर में अपने पैतृक आवास में एक शांत रिटायर्ड जीवन गुजार रहे पूर्व सीजेआई बोबडे ने अभी तक मंदिर के अधिकारियों को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में अपनी भागीदारी के बारे में सूचित नहीं किया है।
श्रीराम जन्मभूमि मामले में फैसला सुनाने वाली बेंच में शामिल एकमात्र मुस्लिम जज जस्टिस नज़ीर अब आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हैं और उन्होंने पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण समारोह में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है। हालांकि, पूर्व जस्टिस भूषण की सेवानिवृत्ति के एक महीने से थोड़ा अधिक समय बाद 8 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, उन्होंने कहा कि वह इस ‘ऐतिहासिक घटना’ में भाग लेने के लिए रविवार को अयोध्या जाएंगे।