लखनऊ: यूपी की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। समारोह से पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में संविधान स्थल का लोकार्पण किया और आज डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
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राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुल 107 प्रतिभाशाली मेधावियों को 192 पदक प्रदान किए, जिसमें 28 छात्र एवं 79 छात्राओं ने पदक हासिल किए। इसके साथ ही समारोह में कुल 43398 उपाधियां प्रदान की गईं, जिसमें स्नातक स्तर पर 33146 ,परास्नातक स्तर पर 10009 तथा 243 शोध उपाधि प्रदान की गयीं। सभी उपाधियां डिजिलॉकर में अपलोड कर दी गयीं। इस अवसर पर सीएमडी रेडिफ्यूजन इंडिया संदीप गोयल को कुलपति द्वारा मानद उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल ने सभी उपाधि प्राप्त कर्ताओं तथा पदक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह कठिन श्रम का परिणाम है। उपाधियों एवं पदकों में छात्राओं की संख्या ज्यादा होने पर उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय में यही स्थिति है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं मिलकर आगे बढ़े यह प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं समृद्ध होती हैं तो दुनिया समृद्ध होती है और उनका आर्थिक सशक्तिकरण विकास को बढ़ावा देता है। राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के 103 वर्ष पूरे होने एवं विश्वविद्यालय द्वारा कई विद्वानों, वैज्ञानिकों, लोकसेवकों तथा विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाएं देने को गर्व का विषय बताया। विश्वविद्यालय को यू.जी.सी. द्वारा एकेडमिक ऑटोनमी में ग्रेड-1 का दर्जा दिए जाने पर भी बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। एन.आई.आर.एफ. में भी 200वीं रैंक होने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, जो गौरव का विषय है।
राज्यपाल ने शैक्षणिक रूप से उच्चतर शिक्षा में पिछड़ गए लोगों में कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से पर्याप्त क्षमता विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया जा रहा है ताकि भारत विदेशी छात्रों के लिए पुनः आकर्षण का केंद्र बन सके। राज्यपाल ने वैदिक काल के अनुसंधानों की चर्चा करते हुए कहा कि वैदिक काल से ही हमारे अनुसंधान अत्यंत समृद्ध थे। अनेक ऋषि-मुनियों का जिक्र करते उन्होंने कहा कि महर्षि भारद्वाज द्वारा विमान प्रौद्योगिकी पर किए गए शोध ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राइट ब्रदर्स के द्वारा विमान के आविष्कार से 8 वर्ष पहले ही भारत में बम्बई की चौपाटी पर 1800 फुट की ऊँचाईं पर विमान का परीक्षण किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत में एक ही साथ जल, थल एवं नभ पर उड़ान भर सकने वाले विमान का निर्माण प्राचीन काल में ही किया जा चुका था, इसका वर्णन प्राचीन साहित्यों में मिलता है। हमें इस बात का गौरव होना चाहिए।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा विगत़ दिनों लगाई गई पुस्तक मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्रों में अपने विषय के साथ दूसरे विषय को पढ़ने की रुचि होनी चाहिए। उन्हांेंने बताया कि सशक्त युवा शक्ति से देश का विकास होता है। उन्होंने कहा कि भारत आज स्पेस, स्टार्टअप, ड्रोन, एनीमेशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सेमीकंडक्टर जैसे कई सेक्टर में युवाओं के लिए नए अवसर तैयार कर रहा है। राज्यपाल जी ने कहा कि नेतृत्व करने हेतु सामाजिक बुराइयों के रूप में दहेज प्रथा, बाल विवाह व समाज की अन्य बुराइयों को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच रखें व सामाजिक कार्यों से जुड़ें।
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समारोह के मुख्य अतिथि व चीफ कॉर्डियो थोरेसिक सर्जरी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली पद्मश्री, प्रोफ़ेसर बलराम भार्गव ने उपाधि/पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए आजादी के 75 वर्षों में रक्षा, अंतरिक्ष, न्यूक्लियर, खाद्यान्न तथा हरित क्रांति और नीली क्रांति के क्षेत्र में देश की उपलब्धियां बताया। उन्होंने गुरु का सम्मान करने, समयनिष्ठ, सत्यनिष्ठ, ईमानदार व समाज से जुड़े रहने एवं वृक्ष लगाने हेतु विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री और विशिष्ट अतिथि, रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए कहा कि उपाधि/पदक प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों की परिवार, समाज व देश के प्रति जिम्मेदारियां और अपेक्षाएं बहुत बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि डिग्री की सार्थकता तभी है, जब वह समाज के कमजोर वर्ग का उत्थान तथा देश विकास में सहयोग दे सके। उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने को प्रेरित किया।
इस अवसर पर सीएमडी रेडिफ्यूजन इंडिया, डॉ. संदीप गोयल ने विद्यार्थियों को उपाधि पदक मिलने पर प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह कई दिनों की लगातार मेहनत का परिणाम है। इस क्रम में उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव भी साझा किए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. आलोक राय ने समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल जी के समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग कर रहे भिक्षा से शिक्षा की ओर जुड़े उम्मीद संस्था के 30 बच्चों को स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा पोषण सामग्री प्रदान की। कार्यक्रम में राज्यपाल जी नेे 20 आंगनबाड़ी केन्द्रों सुविधा सम्पन्न बनाने हेेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल नेअब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7580 किट प्रदान की जा चुकी हैं।