Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत कार्यवाही की जायेगी : ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा

विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत कार्यवाही की जायेगी : ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊः प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास में रूकावट पैदा करने वाले तथा लोगों को उपलब्ध सुविधाओं में अड़चने पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। जनहित एवं प्रदेश हित में विद्युत विभाग में किसी भी प्रकार के कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा ने आज शक्तिभवन में प्रेसवार्ता करके प्रेस प्रतिनिधियों को विद्युत संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित 72 घंटे के कार्य बहिष्कार एवं विद्युत व्यवधान पैदा करने के संबंध में विभाग की तैयारियों की जानकारी दे रहे थे।

पढ़ें :- India Visit : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द करेंगे भारत का दौरा, क्रेमलिन प्रवक्ता ने दी जानकारी

ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान कहा कि बढ़ती हुई गर्मी के मद्देनजर विद्युत बहुत आवश्यक है। जनहित की दृष्टि से किसी भी परेशानी से निपटने के लिए एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट के प्राविधान को प्रदेश भर में लागू किया गया है। हड़ताल करने वाले एवं विद्युत संघर्ष समिति को भी इस संबंध में अवगत करा दिया गया है कि हमारी अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत की सुचारू व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर जनता को परेशानी हुई, तो इस एक्ट एस्मा के तहत कार्यवाही की जायेगी। जिसमें 01 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जो भी विद्युत संगठन एवं उससे जुड़े कर्मचारी सरकार के साथ मिलकर कार्य करना चाहता है। इस दौरान यदि कोई उसके कार्यों में व्यवधान डालता है या उसके साथ दुर्व्यवहार करता है या सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो ऐसी परिस्थिति में उस कार्मिक या संगठन के नेता या अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। यहां तक कि एनएसए तथा रासूका के प्राविधानों के तहत भी कार्यवाही होगी।

एके शर्मा ने कहा कि जिन संगठनों एवं विद्युत कार्मिकों ने सरकार का सहयोग करने की बात कही और कार्य बहिष्कार से अपने को दूर रखने का आश्वासन दिया। प्रदेश सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करायेगी। इसमें उ0प्र0 पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन, विद्युत मजदूर पंचायत संघ, विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ, उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद नेता कर्मचारी संघ, प्रमोटेड पॉवर इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी संयुक्त संघ और अन्य कर्मचारी संगठन जिन्हांेने लोगों की तकलीफों को समझकर इस हड़ताल से दूर रहने का फैसला किया। पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन ने तो यहां तक कहा है कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए विपरीत परिस्थिति में वे प्रतिदिन 02 घंटे अतिरिक्त कार्य करेंगे और जरूरत पड़ी तो 24 घंटे भी कार्य करने को तैयार हैं।
श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही विद्युत विभाग के अपर मुख्य सचिव, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने भी कार्मिकों को हड़ताल से दूर रहने के निर्देश दिये हैं। विद्युत व्यवस्था के व्यवधान पर या कोई अन्य क्षति पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश हैं। किसी को काम करने से रोकने के प्रयास पर भी सख्त कार्यवाही की जायेगी। विशेष रूप से आउसोर्सिंग एवं संविदा कर्मचारियों को सतर्क एवं आगाह करते हुए कहा कि यदि उन्हें नौकरी पर बने रहने है तो इस कार्य बहिष्कार से दूर रहकर अपने कार्यस्थल पर निरन्तर कार्य करंे। यदि उन्हें कोई कार्य करने से रोकेगा तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की जायेगी। फिर भी यदि आउसोर्सिंग एवं संविदा कर्मचारी विद्युत व्यवस्था को बनाये रखने एवं जनता की सेवा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते और कार्य पर नहीं आते तो जिस दिन से वे कार्य से विमुख पाये जायेगे, उसी दिन से उन्हें कार्यमुक्त समझा जायेगा।

एके शर्मा ने कहा कि विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता करने के अनेकों बार प्रयास किये गये आज भी वार्ता करने की कोशिश की गयी, लेकिन फिर भी उन्हें समझ में नही आ रहा है। हमने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि यह महीना राजस्व संग्रह के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं बढ़ती गर्मी के मद्देनजर विद्युत आपूर्ति बहुत जरूरी है। इस समय आये राजस्व संग्रह से वर्ष भर के विकास का रोडमैप तैयार किया जाता है। कार्मिकों का वेतन, बोनस एवं खर्चे भी जुड़े होते हैं। इस प्रकार की हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार से आमजन को भी काफी परेशानियॉ होती है। प्रदेश सरकार विद्युत की जर्जर व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है और इसके लिए आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेशभर में कार्य कराये जाने हैं। प्रथम चरण में 17 हजार करोड़ रूपये के कार्यों को धरातल पर उतारा जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 05 हजार करोड़ रूपये का वित्तीय प्रावधान रिवैम्प योजना के तहत किया गया था, जिसको इसी महीने विकास कार्यों में खर्च करना है और विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाकर जनता को अधिक से अधिक सहूलियत देना है। इसी के दृष्टि से लगातार बातचीत करके आन्दोलन न करने का रास्ता निकाला जा रहा था जो कि सफल नहीं हो पाया।

एके शर्मा ने कहा कि दिसम्बर, 2022 में हुए समझौते के काफी कुछ बिन्दुओं पर कार्य किया गया है। 2020 में हुए समझौते पर भी अमल न होने की बात है। विद्युत निगम को प्रतिवर्ष 01 लाख करोड़ रूपये के घाटे पर चल रहा है। महीने का 1500 करोड़ रूपये तथा प्रतिदिन 08 से 10 करोड़ रूपये के घाटे पर चल रहा है। ऐसी स्थिति में कार्मिकों को बोनस देने की व्यवस्था नही बनती, इसी के चलते विगत 03 वर्षों तक कार्मिकों को बोनस नहीं दिया गया और बोनस देना बंद हो गया, फिर भी हमने इस वर्ष का बोनस दिलाया। कर्मचारियांे के कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार की नीति के तहत देने का निर्णय लिया गया है। कार्मिकों के एसीपी की मांग में भी सुधार के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई गयी है। विभाग की कम्प्यूटराइजड व्यवस्था में कार्मिकों को उनके कार्यों के आधार पर तैनाती देने के भी आदेश दिये गये हैं। संविदा कर्मचारियों के मानदेय पर भी विचार किया गया है। साथ ही अन्य बिन्दुओं पर भी विचार किया जा रहा है।

पढ़ें :- Tragic accident: बरेली में तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराई, हादसे में दो लोगो की दर्दनाक मौत

ऊर्जा मंत्री ने शक्तिभवन में स्थापित कन्ट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया

ऊर्जा मंत्री ने मीडिया से वार्ता के पश्चात विभागीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत संघर्ष समिति में प्रस्तावित 72 घंटे की हड़ताल के दौरान विशेष सतर्कता बरतें और शक्तिभवन में स्थापित कन्ट्रोल रूम से 24 घंटे इसकी मानीटरिंग भी करें कि कहीं किसी भी प्रकार का विद्युत व्यवधान एवं कार्य करने वाले किसी भी कार्मिक का उत्पीड़न न होने पाये। किसी भी प्रकार के अप्रिय घटना एवं व्यवधान पर शीघ्र ही इसकी जानकारी उपलब्ध कराये। 1912 में आ रही शिकायतों का भी तत्परता से संज्ञान लिया जाये। यहां तक कि सोशल मीडिया, समाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक मीडिया से आने वाली खबरों पर भी विशेष नजर रखी जाए। उन्होंने शक्तिभवन में स्थापित कन्ट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया।

Advertisement