नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने बुधवार को एक बयान जारी कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी की कंपनी ने इंडोनेशिया से घटिया क्वालिटी के कोयला खरीदा और उसे तीन गुना कीमत पर भारत में बेच दिया। PM मोदी के मित्र अडानी ने ऐसा कर करीब 3000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुनाफा कमाया। वहीं, देश के लोगों को वायु प्रदूषण के रास्ते मौत के मुंह में झोंक दिया।
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जयराम रमेश ने कहा कि जैसे-जैसे INDIA गठबंधन की चुनावी गति रफ़्तार पकड़ रही है, वैसे-वैसे मोदानी महाघोटाले को लेकर खुलासे का टेम्पो भी तेज़ होता जा रहा है। अडानी के एक और कारनामे को लेकर फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार में संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की एक जांच रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसमें पाया गया है कि 2014 में अडानी की कंपनी ने इंडोनेशिया से सस्ते में घटिया क्वालिटी वाले कोयले ख़रीदे और उसे तिगुनी क़ीमत पर सार्वजनिक क्षेत्र के तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (TANGEDCO) को बेच दिया।
जयराम रमेश ने कहा कि अडानी ने ऐसा करके 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुनाफा कमाया है। जबकि इससे आम आदमी को बिजली के लिए अत्यधिक भुगतान करना पड़ा और कोयले की घटिया क्वालिटी की वजह से वायु प्रदूषण का भी सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के क़रीबी मित्रों के बेखौफ़ होने का एक और उदाहरण है। इन लोगों ने पिछले एक दशक में कानून का उल्लंघन करके और सबसे कमज़ोर भारतीयों का शोषण करके ख़ुद को समृद्ध किया है। उन्हें लगता है कि वे कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि उनके सर पर प्रधानमंत्री का हाथ है। वहीं दूसरी तरफ़ आम लोगों को सस्ती बिजली और स्वच्छ हवा जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया गया है। वायु प्रदूषण से हर साल 20 लाख भारतीयों की मौत होती है। प्रधानमंत्री और उनके करीबियों के लिए जो ‘अमृत काल’ है अन्य सभी भारतीयों के लिए ‘विष काल’ है।
जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री भले ही अडानी को भारत में उसकी सभी अवैध गतिविधियों की जांच रोकने में मदद कर रहे हैं, लेकिन इंडोनेशिया और अन्य देशों से आ रही जानकारी से पता चलता है कि जांच एजेंसियां सच्चाई का खुलासा करने के कितने क़रीब थीं? राजस्व खुफिया निदेशालय को अडानी के कोयले की इनवॉयसिंग की जांच करने की अनुमति देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है, लेकिन ओसीसीआरपी के दस्तावेज वास्तव में दिखाते हैं कि आमतौर पर भारत की अति सक्रिय जांच एजेंसियों की नाक के नीचे वर्षों से ओवर इनवॉयसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग कैसे होती रही है।
कांग्रेस महासचिव (संचार) ने कहा कि पिछली ओसीसीआरपी जांच से पता चला था कि कोयले की कितनी बड़ी ओवर इनवॉयसिंग अडानी के सहयोगियों नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग- लिंग ने की है। उनके अपराधों से प्राप्त धन का इस्तेमाल अडानी समूह की कंपनियों में अवैध हिस्सेदारी हासिल करने और उनके स्टॉक मूल्यों को बढ़ाने के लिए किया गया है। यह सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला है कि कैसे इसी तरह के कोयले के अधिक बिलिंग करने के आरोपीअन्य व्यवसायियों को गिरफ्तार किया गया है और उनकी संपत्तियों को ईडी ने कुर्क कर लिया है। लेकिन मोदानी के मामले में न तो कोई कार्यवाही हुई और न ही उन्हें कोई परिणाम भुगतना पड़ा।
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कांग्रेस महासचिव (संचार) ने कहा कि अगले महीने जब INDIA गठबंधन सत्ता संभालेगा तब ये सब बदलेगा। मोदानी महाघोटाले की जांच के लिए एक महीने के भीतर एक जेपीसी का गठन किया जाएगा। कोयला की ओवर- इनवॉइसिंग, 20,000 करोड़ अवैध रुप को अडानी की कंपनियों में वापस भेजना, जिस तरह से मोदी शासन ने भारतीय व्यवसायों को अपनी संपत्तियों को अडानी को बेचने के लिए मजबूर किया और प्रधानमंत्री के करीबियों को समृद्ध करने के लिए भारतीय उपभोक्ताओं को बिजली बिल और हवाईअड्डा शुल्क के रूप में जो उच्च कीमत चुकनी पड़ी उन सबकी जांच होगी। अडानी को पहुंचाए गए हर एक लाभ और उसके हर भ्रष्टाचार की गहन जांच होगी ।