नई दिल्ली। अफगानिस्तान(Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) पर कब्जा करने के बाद तालिबान देश के लोगों की जिंदगियां सुधारने दावा कर रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर भागते लोगों के हुजूम और हवाई जहाज पर चढ़ने की कोशिश करते लोगों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। कई महिलाएं भी बहुत ज्यादा घबराई हुई हैं, क्योंकि तालिबान के पहले शासनकाल में उनकी आजादी को खत्म कर दिया था।
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इसी बीच एक अमेरिकन टीवी रिपोर्टर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सीएनएन की टीवी रिपोर्टर क्लेरिसा वॉर्ड (CNN TV reporter Clarissa Ward) वायरल तस्वीरों में वे अलग-अलग परिधानों में नजर आ रही हैं। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स (Social Media Posts) का दावा है कि तालिबान के राज के महज 24 घंटों के भीतर ही उनका ड्रेसअप पूरी तरह से बदल चुका है। हालांकि इस मामले में क्लेरिसा ने सोशल मीडिया पर खुद बयान दिया है।
बता दें कि क्लेरिसा वॉर्ड (Clarissa Ward) जहां एक फोटो में सामान्य वेस्टर्न प्रोफेशनल कपड़ों में दिख रही हैं। तो वहीं दूसरी तस्वीर में वे इस्लामिक परिधान (Islamic Dress) में नजर आ रही हैं। इसे आमतौर पर शिया मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। कई लोगों का कहना था कि क्लेरिसा ने तालिबान से डर के चलते अपने कपड़ों के चयन में बदलाव किया है। हालांकि एक ट्वीट कर क्लेरिसा ने इस बारे में बात की है।
This meme is inaccurate. The top photo is inside a private compound. The bottom is on the streets of Taliban held Kabul. I always wore a head scarf on the street in Kabul previously, though not w/ hair fully covered and abbaya. So there is a difference but not quite this stark. pic.twitter.com/BmIRFFSdSE
— Clarissa Ward (@clarissaward) August 16, 2021
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उन्होंने कहा कि इन तस्वीरों को गलत अंदाज में पेश किया गया है। पहली तस्वीर एक प्राइवेट कंपाउंड के भीतर ली गई है वही दूसरी तस्वीर तालिबान द्वारा शासित काबुल की है। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी जब भी काबुल की सड़कों पर रिपोर्टिंग के लिए जाती हूं तो हमेशा से ही सिर पर स्कार्फ का इस्तेमाल करती रही हूं। हालांकि मेरा सिर पूरी तरह ढका नहीं होता था और मैं अबाया पोशाक में नहीं होती थी। बेशक बदलाव आया है, पर ये उस स्तर का नहीं जैसा तस्वीर में दिखाया गया है।
बता दें कि वॉर्ड एक इंटरनेशनल रिपोर्टर (International Reporter) के तौर पर इस्लामिक कट्टरपंथ (Islamic fundamentalism) से प्रभावित कई देशों का दौरा कर चुकी हैं। उन्होंने साल 2012 में सीरिया के एलेप्पो शहर से रिपोर्टिंग की थी। अगले साल उन्होंने मिस्र में रिपोर्टिंग की। साल 2014 में वे एक बार फिर सीरिया गई थीं और उन्होंने वहां एक अमेरिकी और एक नीदरलैंड्स के जिहादी का इंटरव्यू किया था।
साल 2019 में वॉर्ड पहली ऐसी वेस्टर्न रिपोर्टर बनी थीं जिन्होंने अफगानिस्तान के तालिबान शासित क्षेत्र की जिंदगी को रिपोर्ट किया था। उन्होंने तालिबानी लीडर्स के इंटरव्यू भी किए थे। हालांकि 2021 में ही म्यांमार में अपनी रिपोर्टिंग के लिए उनकी स्थानीय पत्रकारों ने काफी आलोचना भी की थी। उन्हें ‘पैराशूट पत्रकार’ बताया था।
अफगानिस्तान(Afghanistan) से अमेरिका(America) और नाटो सेना(Nato forces) के निकलने के साथ ही तालिबान(Taliban) ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के साथ ही अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। खासतौर पर अफगानिस्तान में रह रही महिलाएं काफी घबराई हुई हैं।
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बता दें कि साल 1996 में अफगानिस्तान पर जब तालिबान का राज था उस दौर में महिलाओं को लेकर कई प्रतिबंध लगा दिए गए थे। महिलाएं घर से बाहर अकेली नहीं निकल सकती थीं। इसके अलावा वे पढ़ने या नौकरी करने नहीं जा सकती थीं। कई ऐसी घटनाएं सामने आई थीं जब इन नियमों को तोड़ने पर तालिबानियों ने महिलाओं को मार दिया गया था।