नामीबिया से भारत के मध्य प्रदेश स्थित कूनो नेशनल पार्क में आये 8 चीतो में से दो चीतो को 5 नवंबर को क्वारंटीन समय समाप्त होने के बद बड़े बाडे में छोडा गया था। बड़े बाडे में जाने के बाद इन दो अफ्रीकी चीतो ने 24 घंटे के अंदर ही 70 साल बाद भारत में अपना पहला शिकार किया है। वन अधिकारियों के अनुसार चीतो ने रविवार देर रात या सोमवार सुबह एक चितल हिरण को अपना निशाना बनाया है।
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फ्रेंडी और एल्टन है दोनो चीतो का नाम
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (कुनो नेशनल पार्क) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्म दिवस पर नामीबिया से आये 8 अफ्रीकी चीतो को छोड़ा था। इन्हे तभी से छोटे बाड़े में क्वारंटीन करने के लिए रखा गया था। वन अधिकारियों के अनुसार दो चीतो को 5 नवंबर को बड़े बाडे में छोडा गया था। इन चीतो का नाम फ्रेंडी और एल्टन है। चीतो की निगरानी करने वाले दल को इस शिकार की जानकारी सोमवार सुबह हुई है। दोनो चीतो ने भारत में अपना पहला शिकार चितल हिरण को बनाया है।
70 साल बाद भारत आये है चीते
1952 में भारत सरकार ने देश में चीतो विलुप्त घोषित कर दिया था। बताया गया है कि 1948 में छत्तीसगढ़ में आखिरी चीते को देखा गया था। इसके बाद भारत सरकार द्वारा 1970 के दशक से ही इस प्रजाती को फिर से भारत में लाने के प्रयास शुरु कर दिये थे। जिसके बाद भारत सरकार का नामीबिया से एक समझौता हुआ और उस समझौते के तहत आठ अफ्रीकी चीतो को भारत में के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था।
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750 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है कूनो नेशनल पार्क
कूनो नेशनल पार्क लगभग 750 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस पार्क में लगभग 27 हजार साभर, 27500 चितल, 5 हजार से अधिक नीलगाय, 3500 से अधिक जंगली सुअर, 75 हजार से अधिक चिंकारा, 2771 काले हिरण, 660 हिरण, 8500 से अधिक लंगूर और लगभग 20 हजार से अधिक अन्य जानवर जैसे भालू, पेंथर, जंगली बिल्ली, खरगोश आदि है। इसके अलवा इस पार्क में 300 से अधिक प्रजातियो के पक्षी भी है।