नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसदीय सदस्यता रद्द होने के बाद देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोकसभा की ओर से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सदस्यता रद्द करने पर यूरोपीय देश जर्मनी ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानक लागू होने चाहिए। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मामले में यूरोपीय देशों की ओर से यह पहली प्रतिक्रिया है। इससे पहले अमेरिका ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मामले पर प्रतिक्रिया दी थी।
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उम्मीद करते हैं कि मौलिक अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा : जर्मन विदेश मंत्रालय प्रवक्ता
जर्मन विदेश मंत्रालय (German Foreign Ministry) के एक प्रवक्ता ने रेगुलर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बुधवार को कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अभी अपील कर सकते हैं। इस अपील के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा। और यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसदीय सदस्यता बर्खास्त करने का कोई आधार है या नहीं। जर्मनी की पब्लिक ब्रॉडकास्टर डॉयचे वेले पर प्रसारित मीडिया ब्रीफिंग में जर्मन प्रवक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर कार्रवाई करते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत के अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा। जर्मनी विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद अभी तक भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मानहानि मामले में गई राहुल गांधी की सदस्यता
बता दें कि मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरनेम को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। बीते दिनों सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई। दो साल की सजा होने के बाद कानून के मुताबिक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता रद्द हो गई। फिलहाल राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जमानत पर जेल से बाहर हैं।
अमेरिका ने भी जारी किया बयान
जर्मनी से पहले अमेरिका की सरकार ने भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मामले पर बयान जारी किया। मीडिया से बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल (US State Department Deputy Spokesman Vedant Patel) ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मामले पर हमारी नजर है। हम इस मुद्दे पर भारत सरकार के भी संपर्क में हैं।