Agni Panchak : जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में भ्रमण करता है तब पंचक लगते हैं। इसके अतिरिक्त जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे पद, शतभिषा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद और पूर्वाभाद्रपद के चारों चरणों में भ्रमण करता है, तब भी पंचक लगते हैं। आज से जो पंचक शुरू हो रहे हैं उन्हें अग्नि पंचक कहा जाता है। अग्नि पंचक को सभी पंचकों में सर्वाधिक अशुभ माना गया है। इस पंचक में दान-पुण्य किया जा सकता है। मान्यता है कि पंचक में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
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भारतीय पंचांग के अनुसार आज सुबह 3.41 बजे चन्द्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश कर गया है। इसके साथ ही आज से अग्नि पंचक शुरू हो गए हैं। यह पंचक शनिवार 31 दिसंबर 2022 को सुबह 11.47 बजे समाप्त होगा।
1.अग्नि पंचक में कभी भी अग्नि संबंधी कार्य न करें। साथ ही मशीनरी, विद्युत यंत्र आदि भी न खरीदें
2.किसी भी पंचक के दौरान नए मकान की नींव नहीं रखनी चाहिए और न ही छत डलवानी चाहिए। अन्यथा ऐसा मकान दुर्भाग्य साथ लाता है।
3.पंचक के दौरान किसी भी तरह का फर्नीचर (खास तौर पर वुडन और मैटेलिक) नहीं खरीदना चाहिए।
4.अग्नि पंचक में किसी भी तरह का कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अनिष्ट करवाता है।
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