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अखिलेश बना रहे नई रणनीति, सपा पर से हटाएंगे सिर्फ यादवों की पार्टी होने का ठप्पा

By प्रिन्स राज 
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लखनऊ। देश में विपक्षी दल पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। ये मांग करने वाले नेताओं में अधिकतर नेता ओबीसी नेता हैं। ओबीसी जातियों की जनसंख्या को देखते हुए ये जातिगत राजनीति पिछड़ों की ओर झुकाव ले रही है। पिछड़ो और अतिपिछड़ो को साधने के लिए लगभग सभी पार्टिया अपने संगठन में ज्यादा से ज्यादा इन जातियों से आने वाले नेताओं को तरजीह दे रही हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नई रणनीति बनाने की ओर अग्रसर हैं। वो अपनी नई रणनीति से पिछड़ी जातियों को अपने खेमे में करने के अलावा सपा पर लगा हुआ एक ठप्पा की ‘ये सिर्फ यादवों की पार्टी है’ को भी हटाना चाहेंगे।

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इसके लिए उन्होंने अपनी रणनीति को काफी पहले से ही जमीन पर उतारने का काम किया है। समाजवादी पार्टी मौर्य,कुर्मी,कुशवाहा,चौहान और पटेल जातियों को अपने साथ जोड़ने के लिए विशेष अभियान चला रही है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पूरे प्रदेश में पटेल यात्रा निकाल रहे हैं। एक चरण की कामयाबी के बाद उन्हें दुबारा यात्रा निकालने को कहा गया है। निषादों, मल्लाहों, कश्यप आदि समुदाय को सपा के करीब लाने की कोशिश में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप कई चरणों में सामाजिक न्याय यात्राएं निकाल रहे हैं।

सपा की महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा को महिलाओं के साथ-साथ कुशवाहा समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। समाजवादी अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व्यास जी गोंड संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं। सपा की सहयोगी जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के अध्यक्ष संजय चौहान कई दिनों से भाजपा हटाओ प्रदेश बचाओ जनक्रांति यात्रा निकाल रहे हैं। दूसरी सहयोगी पार्टी महान दल प्रदेश भर में अखिलेश यादव के समर्थन में यात्रा निकाल चुका है। महान दल का असर पश्चिमी यूपी के कुछ जिलो में महान दल का असर माना जाता है।

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