लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि पक्षपात सबसे बड़ा अन्याय होता है। यादव ने दुर्भावना से किसी एक को लक्षित करके बिना बात के किसी बात की सज़ा देना और अन्य को आरोपों से मुक्त करना नाइंसाफ़ी है।
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पक्षपात सबसे बड़ा अन्याय होता है।
दुर्भावना से किसी एक को लक्षित करके बिना बात के किसी बात की सज़ा देना और अन्य को आरोपों से मुक्त करना नाइंसाफ़ी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 30, 2022
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि बीजेपी (BJP) जबसे सत्ता में आई है, विपक्ष के प्रति उसकी बदले की भावना से कार्रवाईयां थमने का नाम नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि आए दिन विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने का सिलसिला जारी है। सपा के नेताओं के प्रति बीजेपी का रवैया दुश्मनी जैसा है। यह लोकतंत्र में अवांछनीय है।
सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी सरकार के निशाने पर मुख्य रूप से रामपुर के लोकप्रिय समाजवादी नेता मोहम्मद आजम खान साहब हैं। जिन पर रोज फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है। आजम खान साहब बीजेपी सरकार की आंखों में इसलिए खटकते हैं क्योंकि वे सांप्रदायिक ताकतों के धुर विरोधी है। लोकतंत्र और समाजवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं। रचनात्मक कार्यों में उनकी विशेष रूचि है। आजम खान संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए निरन्तर संघर्ष करने वाले नेता रहे हैं।
सामाजिक तानाबाना को नष्ट करने में बीजेपी अव्वल
अखिलेश यादव कहा कि बीजेपी सरकार ने केन्द्र के अपने आठ साल और राज्य में अपने साढ़े पांच साल से अधिक के कार्यकाल में ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई जो जनकल्याणकारी हो। शिक्षा के क्षेत्र में बीजेपी सरकार ने अव्यवस्था फैलाने के अलावा कुछ और नहीं किया। सामाजिक तानाबाना को नष्ट करने में बीजेपी अव्वल है। आजम खान नफरती राजनीति के विरोधी थे। इसलिए वे बीजेपी की आंख की किरकिरी बन गए हैं। विधानसभा में उनके अकाट्य तर्कों और तीखे बयानों से बीजेपी नेता असहज रहते थे, इसलिए उनके खिलाफ षडयंत्र के बीज बोए जाने लगे।
उन्होंने कहा कि बीजेपी को चिढ़ है कि रामपुर में आजम खान ने एक उच्चस्तरीय शैक्षिक संस्थान मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बनाया। जिससे इस क्षेत्र के नोजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिलना तय था। इस बड़े काम की प्रशंसा के बजाय बीजेपी सरकार विश्वविद्यालय को ही मटियामेट करने पर तुल गई। मोहम्मद आजम खां साहब पर न जाने कितने झूठे मुकदमें लगा दिए गए। भाजपा मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने में लगी है।
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आजम खान के काम की साधु-संतों ने भी की प्रशंसा
सपा प्रमुख ने कहा कि जब प्रदेश में कुंभ का महापर्व आया, तब समाजवादी सरकार में बतौर मंत्री आजम खान ने कुंभ की तैयारियों पर निगाह रखी और लोगों की सुविधाओं का विस्तार किया। इसकी साधु-संतों ने भी प्रशंसा की। कुंभ के निर्विघ्न सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर हावर्ड विश्वविद्यालय ने विशेष रिपोर्ट तैयार की थी। जिसमें समाजवादी सरकार, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान की भूरि-भूरि प्रशंसा थी। उन्हें अपने हावर्ड विश्वविद्यालय में इस सम्बंध में प्रस्तुति के लिए भी आमंत्रित किया था।
बीजेपी सरकार को याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की समान भूमिका होती है
बीजेपी सरकार को याद रखना चाहिए कि राजनीति में विद्वेष की भावना का कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की समान भूमिका होती है। आजम खान सामान्य व्यक्ति नहीं, वे रामपुर से 10 बार विधायक, तीन बार सांसद, राज्य सरकार में कई बार मंत्री, नेता विपक्ष भी रहे हैं। बीजेपी ने उनको राजनीति में किनारे करने की जो साजिश की है, वह उन पर ही भारी पड़ेगी। राज्य की जनता बीजेपी के अनैतिक आचरण को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी।