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बस्ती के मुख्य विकास अधिकारी पर अभद्रता का आरोप, डॉक्टरों ने डिप्टी सीएम को लिखा पत्र, CDO और डीएम को हटाने की मांग

By टीम पर्दाफाश 
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बस्ती। बस्ती में शुक्रवार आयुष्मान कार्ड में रैंकिंग को लेकर एक मीटिंग आयोजित हुई थी। इस मीटिंग में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जयदेव सीएस पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अभद्रता और गाली गलौच के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले को लेकर चिकित्साधिकारियों ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में लिखकर जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के साथ कार्य करना असंभव बताया है। साथ ही कहा कि, इन अधिकारियों का तीन दिवस के अंदर स्थानान्तरण नहीं किया गया तो स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी सामूहिक त्यागपत्र के लिये बाध्य होगें। डॉक्टरों के द्वारा लिखा गया ये पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि, शुक्रवार जनपद के मुख्य विकास अधिकारी जयदेव सी०एस० बस्ती द्वारा डा० ए०एन० त्रिगुण, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती को अपशब्द कहे गए और गाली दिया गया, जो अत्यन्त ही दुःखद है। इसमें आरोप लगाया गया है कि, मुख्य विकास अधिकारी की मीटिंग से वापस आने के बाद डा० ए0एन0 त्रिगुण के सीने में दर्द हुआ, जिसके कारण उन्हें चिकित्सालय के इमरजेन्सी में भर्ती करवाकर इलाज कराया जा रहा है। इस पत्र में कहा गया है कि, यदि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो पूर्ण रूप से जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे।

पत्र में लिखा गया है कि, हाल ही में टाटा मेमोरियल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के सिर्फ दो जिले- बस्ती तथा औरेया बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए चयनित किये गये थे। जिसे जिलाधिकारी द्वारा यह सम्मान प्राप्त किया गया था, यह प्रयास जिले के समस्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी थी। इसके बाद भी जनपद के सभी मीटिंगों में जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा हमेशा अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही इस पत्र के जरिए आरोप लगाया गया है कि, विगत 04 माह से स्वास्थ्य विभाग के समस्त चिकित्साधिकारी मानसिक प्रताडना से गुजर रहे हैं। साथ ही कहा कि, कहा गया है कि इनके साथ कार्य करना संभव नहीं है। उन्होंने मांग की ​है कि, उपरोक्त तथ्यों के आधार पर जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को 03 दिवस के अंदर जनपद से स्थानान्तरण नहीं किया गया तो स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी सामूहिक त्यागपत्र के लिये बाध्य होगें।

 

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