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अमित शाह ने लाल किले पर हुए उपद्रव पर कहा – ‘हम नहीं चाहते थे कि किसानों के आंदोलन में खून बहे’

By टीम पर्दाफाश 
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कोलकाता: दिल्‍ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव पर गृहमंत्री अमित शाह का रुख सामने आया है। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में दिल्‍ली पुलिस ने बेहद संयम का परिचय दिया। हम नहीं चाहते थे कि किसानों का आंदोलन रक्‍तरंजित हो। हमारी किसान नेताओं से ट्रैक्‍टर परेड को लेकर पूरी चर्चा हुई थी पर उन्‍होंने वादा तोड़ा।

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अमित शाह से जब पूछा गया कि लाल किले पर उपद्रवी कैसे चढ़ गए तो उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली पुलिस ने काफी संयम बरता और उपद्रव करने वालों पर गोलियां नहीं चलाईं। लाठीचार्ज वगैरह करके उन्‍हें नियंत्रित किया गया और ढाई घंटे के भीतर पूरी दिल्‍ली को खाली करा लिया गया। शाह ने कहा कि हर कोई कह रहा है कि जो लोग लाल किले पर चढ़े थे वे किसान नहीं हो सकते।

‘सीएए कानून को लागू होना ही है’
सीएए को लेकर अमित शाह ने कहा कि यह देश की संसद की तरफ से बनाया हुआ कानून है। इसको लागू करना है और शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलनी है। ममता सरकार हर मुद्दे पर फेल है। बंगाल में तेजी से घुसपैठ की घटनाएं हो रही हैं पर ममता बनर्जी उसे रोक पाने में सफल नहीं है।

दिल्‍ली पुलिस के सैकड़ों जवान हुए थे घायल
गौरतलब है कि 26 जनवरी को नई दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों की ट्रैक्‍टर रैली निकली थी। इस दौरान लाल किले समेत कई जगहों पर उपद्रव हुए थे। प्रदर्शनकारियों के पथराव में दिल्‍ली पुलिस के सैकड़ों जवान घायल हो गए थे। इस घटना के विरोध में कुछ किसान संगठनों ने अपना धरना वापस ले लिया था। लाल किले की घटना को गंभीरता से लेते हुए दिल्‍ली पुलिस ने दीप सिद्धू समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

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