Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. अनिल अंबानी को ED ने दिया 3000 करोड़ का झटका,घर से लेकर दफ्तर तक सब अटैच

अनिल अंबानी को ED ने दिया 3000 करोड़ का झटका,घर से लेकर दफ्तर तक सब अटैच

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश के दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के 3084 करोड़ रुपये की 40 से अधिक प्रॉपर्टीज को ईडी (ED) ने फ्रीज कर दिया है। जिन प्रॉपर्टीज को फ्रीज किया गया है उसमें अनिल अंबानी (Anil Ambani) की पाली हिल्स (Pali Hills) पर स्थिति आवास भी है। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ईडी (ED)  ने अनिल अंबानी की अगुवाई वाली ग्रुप के संपत्तियों को फ्रीज किया है। ईडी (ED) ने जिन संपत्तियों को अटैच्ड किया गया है उसमें ऑफिस, आवास और जमीनें शामिल हैं।

पढ़ें :- दिल्ली स्वर्ग से नरक बनने की ओर बढ़ रही है और हम मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकते: अलका लांबा

किन शहरों में फ्रीज हुई प्रॉपर्टी

ईडी (ED) का यह एक्शन पीएमएलए (PMLA) के तहत हुआ है। एजेंसी ने 31 अक्टूबर 2025 को जारी किए आदेश में PMLA के सेक्शन 5(1) का जिक्र किया है। गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, मुंबई, पुणे, थाने, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम् और ईस्ट गोदावरी है। बता दें, ईडी ने ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक प्रॉपर्टीज को फ्रीज किया है। जिसकी कीमत 3084 करोड़ रुपये है।

क्या है मामला?

यह पूरा मामला 2017 से 2019 के बीच का है। यस बैंक ने इस दौरान रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Limited) में 2965 करोड़ रुपये और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड में 2045 करोड़ रुपये का निवेश किया था। आरोप है कि रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Limited) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Commercial Finance Limited) ने जो फंड इकट्ठा किया उसका गलत उपयोग किया गया है। रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Limited)  पर 1353.50 करोड़ रुपये और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Commercial Finance Limited) का 1984 करोड़ रुपये का बकाया अब भी है।

पढ़ें :- विवादों में रहे गोपाल नर्सिंग होम में नहीं है कोई बाल रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ, नवजात का किया था गलत इलाज, काटनी पड़ी थी उंगलियां

ईडी (ED) ने अपनी जांच में पाया कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) की ग्रुप की कंपनियों में रिलायंस निप्पन फंड द्वारा प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति नहीं थी। इसमें म्यूचुअल फंड (Mutual Funds)  के हितों के टकराव की बात सामने आ रही थी। जिसकी वजह से अनुमति नहीं मिली थी। इन प्रतिबंधों से बचने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) से जुटाए लोगों के पैसों को कथित तौर पर यस बैंक के जरिए अनिल अंबानी (Anil Ambani)  की कंपनियों तक पहुंचाया गया था।

जांच में पता चला की यस बैंक के जरिए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Limited)  और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Commercial Finance Limited)  को दिए लोने के जरिए पैसा मिला। बाद में इन दोनों कंपनियों ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी संस्थाओं को लोन उपलब्ध करवाया।

क्या है ईडी का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED)  का कहना है कि जरूरी जांच और व्यक्तिगत मीटिंग को किनारे करते हुए यह फंड जारी किए गए हैं। कई मामालों में एप्लीकेशन, अप्रूवल और एग्रीमेंट एक ही दिन में पूरा कर लिया गया है। वहीं, पैसो लोन पास होने से पहले ट्रांसफर कर दिया गया है।

पढ़ें :- राम मंदिर और काशी था आतंकियों के निशाने पर, एक्टिव हो गए थे स्लीपर सेल, बड़ा खुलासा
Advertisement