नई दिल्ली। भारत चीन के साथ जारी विवाद (India-China dispute) पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान (CDS General Anil Chauhan) ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश को सबसे बड़ा खतरा चीन की सीमा (China Border) पर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि लिपुलेख, बड़ाहोती और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में भी चीन के साथ विवाद (Conflict with China) है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान (CDS General Anil Chauhan) ने बॉर्डर टूरिज्म (Border Tourism) का कल्चर बढ़ाने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी सरहदों को देखने की हर किसी की चाहत होती है, इसलिए बॉर्डर टूरिज्म (Border Tourism) के कल्चर को बढ़ाना होगा।
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उत्तराखंड में सीमा से लगे गांवों में हो रहे पलायन पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान (CDS General Anil Chauhan) ने कहा कि प्रदेश के कई गांव वीरान हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें संभावना तलाशनी होगी कि क्या ये गांव फिर से आबाद हो सकते हैं? सीमावर्ती गांवों का भी देश की सुरक्षा में अहम योगदान होता है। इसलिए यह जरूरी है कि यहां फिर से आबादी को बसाया जा सके। उन्होंने सीमा क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की भी पैरवी की। उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या हम वहां सीमा पर्यटन को लोकप्रिय बना सकते हैं। इसके लिए जरूर कदम उठाए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि चीन की तरफ से LAC के पार लगातार निर्माण की तस्वीरें सामने आती हैं। PLA के जवान चागलगाम में हदीगारा-डेल्टा 6 के पास कथित तौर पर मशीनों के साथ काम करते दिखाई देते हैं। बॉर्डर के इलाके में चीन की ओर से ब्रिजों के निर्माण की भी तस्वीरें सामने आती हैं।
भारत की येनकी चौकी पर थी PLA की नजर!
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई थी। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए चीनी सैनिकों को पीछे धकेल दिया। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की येनकी चौकी घुसपैठ करने आए PLA के सैनिकों के निशाने पर थी। उन्होंने तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में स्थित चौकी पर कब्जा करने की योजना बनाई थी। PLA के सैनिक येनकी चौकी के ठीक सामने मात्र 1 किमी की दूरी पर मौजूद पोस्ट से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करने आए थे।
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डोकलाम में ढांचे पर लेफ्टिनेंट जनरल कलिता
पूर्वी सैन्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा कि जहां तक डोकलाम का संबंध है। तो आधारभूत ढांचा विकास को लेकर अभी तक कोई नया घटनाक्रम नहीं देखने को मिला है। क्या चीन डोकलाम क्षेत्र के अपने हिस्से में पूरी सक्रियता के साथ सड़क, रोपवे समेत अन्य आधारभूत ढांचे को बना रहा है? इसके जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा कि इसके बाद से यहां एक ‘प्रोटोकॉल’ है, जिसका पालन डोकलाम इलाके में दोनों पक्ष करते हैं और इसके अंतर्गत स्थानीय कमांडरों के बीच नियमित बातचीत होती रहती है ताकि दोनों तरफ कोई नया निर्माण नहीं हो।