बलरामपुर। धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पर शिकंजा कसता जा रहा है। गुरुवार को उसकी कोठी को जमींदोज कर दिया गया। लगातार तीन दिनों तक चले बुलडोजर की कार्रवाई के बाद उसकी कोठी को धवस्त किया गया। अब आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर उतरौला के मधपुर पहुंची है। अब उससे पूछताछ में और भी कई अहम खुलासे होंगे।
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एटीएस सीधे मधपुर छांगुर के आवास पर पहुंची। पुलिस ने मधपुर जाने वाले रास्तों पर आवागमन रोक दिया। छांगुर को लेकर मकान में पीछे के रास्ते से टीम अंदर गई। वहां छानबीन करने में टीम जुटी है। अभी टीम पड़ताल कर रही है। जांच में एटीएस को कई अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। शुरूआती जांच में सामने आया कि, जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को बीते तीन वर्षों में करीब 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हुई है। इसमें से अभी बस 200 करोड़ की ही पुष्टि हो सकी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार शेष 300 करोड़ रुपये का लेनदेन नेपाल के माध्यम से हुआ है।
विदेशी फंडिंग के लिए काठमांडू सहित नेपाल के सीमावर्ती जिलों नवलपरासी, रुपनदेही व बांके में 100 बैंक खाते खुलवाए गए। इन्हीं खातों में धर्मांतरण कराने के लिए पाकिस्तान, दुबई समेत अन्य देशों से रुपये भेजे गए। एजेंट चार से पांच प्रतिशत कमीशन पर नेपाल के बैंक खातों से पैसे निकालकर सीधे छांगुर तक पहुंचा देते थे। इसमें कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) की भी मदद ली जाती थी।
तीन दिनों में जमींदोज हुई छांगुर की कोठी
यूपी एटीएस ने बीते दिनों जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को गिरफ्तार किया गया था। इसकी गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे, जिसके बाद इसकी कोठी को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गयी। पिलर पर बनी 40 कमरों की कोठी को गिराने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कोठी को जमींदोज करने के लिए हर दिन 10—10 घंटे से ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई की गयी।