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राम मंदिर उद्घाटन को लेकर सियासी घमासान जारी, नारायण राणे, बोले- समाज और हिंदू धर्म को लेकर शंकराचार्यों को बताना चाहिए अपना योगदान

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratistha) को लेकर लगातार सियासी घमासान जारी है। इसी बीच अब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) ने शंकाराचार्यों के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को ‘राजनीतिक चश्मे’ से देखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों को राम मंदिर (Ram Temple) के कुछ पहलुओं की आलोचना करने के बजाय अपना आशीर्वाद देना चाहिए।

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राम हमारे भगवान हैं

राणे ने शनिवार को कहा कि समाज और हिंदू धर्म (Hindu Religion) को लेकर शंकराचार्यों को अपना योगदान बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘क्या उन्हें मंदिर को आशीर्वाद देना चाहिए या इसकी आलोचना करनी चाहिए? इसका मतलब है कि शंकराचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)  को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं। यह मंदिर राजनीति के आधार पर नहीं, बल्कि धर्म के आधार पर बना है। राम हमारे भगवान हैं।

घर पर बैठे शख्स पर कोई टिप्पणी नहीं करना

वहीं, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के इस बयान पर कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को राम मंदिर (Ram Temple)  का उद्घाटन करना चाहिए, राणे ने कहा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करेंगे, जिसके पास कोई काम नहीं है और जो घर पर बैठा है।

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ठाकरे गुट को होने वाला है नुकसान

उन्होंने दावा किया कि ठाकरे गुट को जल्द ही और अधिक नुकसान होने वाला है, क्योंकि उसके 16 में से आठ विधायक भाजपा-नीत सत्तारूढ़ गठबंधन से संपर्क कर रहे हैं और जल्द ही इसमें शामिल होंगे। गौरतलब है, जून 2022 में तत्कालीन शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के एकनाथ शिंदे के साथ चले जाने के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी और वह (शिंदे) भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।

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