Bhopal Nagar Nigam: भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में 838 अर्मयादित शब्दों के इस्तेमाल करने पर बैन लगाया है। अब परिषद की बैठक में सदस्य चर्चा के दौरान अर्मयादित शब्दों का इस्तेमाल किया तो खैर नहीं। भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने परिषद की बैठक में अर्मयादित शब्दों की लिस्ट तैयार की है।
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जिसमें करीब 838 शब्द हैं जिनके इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगाई है। इतना ही नहीं अगर कोई सदस्य इन अर्मयादित शब्दों का इस्तेमाल सदन में करता है तो उसे प्रोसेडिंग का हिस्सा नहीं माना जाएगा। भोपाल नगर निगम अर्मयादित शब्दों के इस्तेमाल कर बैन लगाने वाली देश की पहली नगर निगम है।
इन शब्दों के इस्तेमाल पर लगा है बैन
भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में जिन 838 अर्मयादित शब्दों के इस्तेमाल करने पर बैन लगाया है उसमें से कुछ शब्द हैं ससुर, गंदी सूरत, 420, उल्लू का पठ्ठा, बुद्धी मारी गई है, झूठा, बेशर्म, एक ही थैली के चट्टे-बट्टे, गरीब सदस्य बेचारे, जंगली सुअर, पागलखाना, निक्कमे, पागल, चोर, सड़क छाप, बदमाश, बूढ़ा शेर, लफंगे लोग, शेखी बघारना, कम अकल, भ्रष्ट, शैतान, लफंगा, दो-दो कौड़ी के लोग, उचक्का, नंगा घूमना, बेशर्म लोग हैं गुंडागर्दी कर रहे हैं, सावन के अंधों को हरा ही दिखता है।
ढोंगी, पाखंडी, चुड़ैल, टुच्चा, टुच्चों, मैं पांव पकड़कर समय मांगता हूं, पापी, नमक हराम, चोरी और सीनाजोरी, भ्रष्टाचारियों की पार्टी, रंगरूठ, गुंडों को संरक्षण देना, बेईमानों की पार्टी है, मंद दिमाग, बंधुआ मजदूर, निक्कमी सरकार, गुलाम, जूते लगाएंगे, अप्पू महाराज, चमचे, लानत, आदमखोर, लालच, घूस, मुर्ख आदमी, गेंडे की खाल ओढ़े बैठे हैं, तुमको शर्म आनी चाहिए, खलनायक, रंगा-बिल्ला, चंगु-मंगु, आपकी औकात क्या है, आपको शर्म आना चाहिए, बेचारा, पप्पू पास हो जाएगा, मजाक उड़ाएंगे, नौटंकी जैसे शब्द, कुकर्म के अलावा अन्य 838 है। जिन पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी बैन लगाया है।