नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government)अब भारत ब्रांड के तहत 25 रुपये प्रति किलो की दर से चावल बेचेगी। इसकी बिक्री भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF ) और केंद्रीय भंडार आउटलेट के माध्यम से की जाएगी।
पढ़ें :- जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ क़ानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा...संभल हिंसा पर बोले केशव मौर्य
बता दें कि सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चावल की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। सरकार पहले से ही भारत ब्रांड (Bharat Brand) के तहत आटा और दालों की बिक्री करती है। नवंबर में खाद्यन्न की कीमतों में 10.27 प्रतिशत इजाफा हुआ, जिससे नवंबर महीने में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) बढ़कर 8.70 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने में यह 6.61 प्रतिशत थी। कुल कंज्यूमर प्राइस बास्केट (Consumer Price Basket) में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) की हिस्सेदारी लगभग आधी है।
बीते कुछ महीनों में सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI ) की ओर से की गई ई-नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बिक्री बढ़ाकर गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में सफल रही है। हालांकि इस दौरान चावल का उठाव न्यूनतम रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों में वृद्धि 2024 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए एक समस्या खड़ी कर सकती है।
एफसीआई (FCI ) ने हाल ही में चावल के लिए अपने ओएमएसएस (OMSS) नियमों में भी थोड़ा ढील देते हुए संशोधन किया है। बोली लगाने वाले की अेार से बोली लगाए जा सकने वाले चावल की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमश 1 मीट्रिक टन और 2000 मीट्रिक टन तय की गई है। यह कदम बाजार में अनाज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए ओएमएसएस (OMSS) के तहत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए उठाया गया है।