लखनऊ: भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए भक्त गण सदैव तत्पर रहते है। शिव भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न रखने के लिए कठिन से कठिन तप करते है। भक्त कभी निराहार रह कर तो कभी सैकड़ों किमी पैदल चल भगवान शिव पर चढ़ाने के लिए गंगा जल लाते है। शिव भक्तों के लिए प्रदोष का व्रत कल्याणकारी माना जाता है। आज 22 जून 2021 दिन मंगलवार को भौम प्रदोष है। मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
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हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने पर भगवान शिव और हनुमान जी अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। प्रदोष व्रत में व्रत कथा का विशेष महत्व होता है।भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की विधि पूर्वक और सच्चे मन से पूजा करने पर मंगल ग्रह के दोष से भी मुक्ति मिलती है। भगवान शिव और हनुमान जी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से बिगड़े काम बन जाते हैं और भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होने की मान्यता है।
पंचांग के मुताबिक़ साल 2021 में त्रयोदशी तिथि 22 जून को प्रातः 10 बजकर 22 मिनट से प्रारंभ होगी और 23 जून को प्रातः 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। जबकि भौम प्रदोष काल 22 जून को शाम 07 बजकर 22 मिनट से रात्रि 09 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
इस व्रत का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कर्ज से मुक्ति मिलती है। पुराने से पुराने रोग का नाश होता है। शौर्य-बल में वृद्धि होती है।जिन जातकों की कुंडली में मंगल खराब होता है, उन्हें विशेष तौर पर ये व्रत करना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत करने वाले जातक सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमानजी का लेपन करें। जो लोग व्रत नहीं कर सकते वह मीठा भोजन करें।