Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर ने लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन से की मुलाकात,जानें इसके सियासी मायने

भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर ने लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन से की मुलाकात,जानें इसके सियासी मायने

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद (Bhim Army chief Chandrashekhar Azad) ने गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के प्रोफेसर रविकांत चंदन से की मुलाकात है। प्रोफेसर रविकांत चंदन से बताया था कि भीम आर्मी चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने दलित वंचितों के संघर्ष को आगे बढ़ाने और मेरे मुद्दे पर खड़े होने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। भीम आर्मी चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट कर लिखा था कि क्या ज्ञान का ठेका चंद जातियों ने ही ले रखा है? वंचितों के मुद्दे पर मुखर LU प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ FIR, ‘गोली मारो सालों को’ जैसी नारेबाजी का मतलब बहुजन विचार की हत्या है। हम साथ खड़े हैं, किसी कीमत पर अन्याय नहीं होने देंगे। अराजकता फैलाने वालों को गिरफ्तार किया जाए।

पढ़ें :- चोर से कहे चोरी करो और जनता से कहे जागते रहो...मोहन भागवत के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य का तीखा तंज

लखनऊ विश्वविद्यालय में गुरुवार को चंद्रशेखर समर्थित समर्थकों ने की हॉस्टल के छात्रों के साथ की अभद्रता, छात्रों ने प्रॉक्टर को दी शिकायत। बता दें कि बीते दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के मामले में बयान को लेकर विरोध झेलने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. रविकांत चंदन (Associate Professor of Hindi Department Prof. Ravikant Chandan) के समर्थन में भीम आर्मी के चीफ (Bhim Army chief) व आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के अध्यक्ष चंद्रशेखर उतर थे। उन्होंने वीडियो काल के जरिए प्रो. रविकांत चंदन (Prof. Ravikant Chandan) से काफी देर तक बात की। साथ ही कहा कि हम हर तरीके से आपके साथ हैं। शिक्षक ने उनका 45 सेकेंड का वीडियो ट्वीट भी किया था।

पढ़ें :- Indecent Comment Case : पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, आजम खान और एसटी हसन भी हैं आरोपी

जारी वीडियो में भीम आर्मी चीफ (Bhim Army chief ) ने दलित वंचितों के संघर्ष को आगे बढ़ाने और मुद्दे पर खड़े होने की बात कही है। यह भी कहा कि हमारी आवाज को दबाने या गला घोटने की बजाए दर्द को समझा जाए। हम जो परिवर्तन चाहते हैं, वो किया जाए। दबाने-डराने से बदलाव नहीं होगा। साफ तौर पर सरकार और हंगामा करने वालों को संदेश दिया कि इंसान बनें। सब्र का इम्‍तेहान न लें, इतना ही दंगा फसाद करें जितना कि झेल सकें।

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University)  के एसोसिएट प्रोफेसर  रविकांत चंदन (Prof. Ravikant Chandan)के मुताबिक, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर (Bhim Army chief Chandrashekhar Azad) ने सुरक्षा के बारे में पूछा। यह भी कहा कि दलित उत्पीड़न की जो घटनाएं हुई हैं, उनके लिए हम सब एक साथ हैं। जो देश को सुंदर बनना चाहते हैं वे असमानता के खिलाफ साथ में लड़ें। दलितों, आदिवासियों की आवाज दबाई जा नहीं सकती।

Advertisement