Greg Chappell’s advice to Rohit-Kohli: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की गिनती दुनिया के एक्टिव दिग्गज बल्लेबाजों में होती है। इन दोनों खिलाड़ियों के नाम कई सारे रिकॉर्ड दर्ज हैं, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रोहित और कोहली संघर्ष करते नजर आए और टीम को 3-0 से टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी। जिसके बाद दोनों की टीम में जगह को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। वहीं, टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने दोनों की खराब फॉर्म को बढ़ती उम्र से जोड़ने का प्रयास किया है। साथ ही चैपल ने कहा है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को अगर अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करनी है तो उन्हें अपने युवा दिनों के जोश और जुनून को फिर से जगाना होगा।
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दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्रेग चैपल ने सिडनी मार्निंग हेराल्ड में लिखे अपने कॉलम में कहा कि सचिन तेंदुलकर को उन्होंने 2005 में उम्र बढ़ने के साथ खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया था। चैपल के अनुसार, तेंदुलकर ने उनके विचार जानने के लिए पूछा, “ग्रेग उम्र बढ़ने के साथ बल्लेबाजी करना मुश्किल क्यों हो जाता है, जबकि उम्र के साथ ये आसान होना चाहिए।” चैपल ने लिखा है, “मैंने उनसे (तेंदुलकर) कहा कि उम्र बढ़ने के साथ पहले की तरह बल्लेबाजी करने के लिए मानसिक जरूरतें बढ़ जाती हैं। बल्लेबाजी करना इसलिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि आपको अहसास हो जाता है कि इस स्तर पर रन बनाना कितना मुश्किल है और एकाग्रता बनाए रखना कितना कठिन है, जो कि सफल होने के लिए जरूरी हैं।”
टीम इंडिया के पूर्व कोच चैपल ने आगे लिखा, “उम्र बढ़ने के साथ आपकी आंखों की रोशनी या रिफ्लेक्स कम नहीं होते, बल्कि एकाग्रता को बरकरार रखना मुश्किल हो जाता है। जब आप युवा होते हैं तो आपके दिमाग की एकाग्रता रन बनाने पर होती है। उम्र बढ़ने के साथ विरोधी टीम भी आपकी कमजोरी को जानने लगते हैं और आप परिस्थितियों को लेकर अधिक सजग हो जाते हैं।” चैपल ने कहा, “जब आप युवा होते हैं तो परिस्थितियों और मैच की स्थिति को लेकर चिंता नहीं करते। आपका ध्यान केवल रन बनाने पर लगा होता है। अगर आप उसी तरह खेलना चाहते हैं जैसे आपने एक युवा खिलाड़ी के रूप में खेला था, तो आपको उस नजरिया और विचार प्रक्रियाओं को फिर से जागृत करना होगा जो एक युवा खिलाड़ी के रूप में आपके पास थी। उम्रदराज खिलाड़ी के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है।”
चैपल ने कोहली, रोहित और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को क्रिकेट का दिग्गज बताया और कहा, “प्रत्येक खिलाड़ी को अपने युवा दिनों की तरह के जोश और जुनून को जागना होगा। इससे पता चलता है कि रोहित, कोहली और स्मिथ को इस सीरीज (बॉर्डर-गावस्कर) में किस तरह की चुनौती का सामना करना है। वे जानते हैं कि विरोधी टीम ने उनकी तकनीक और कमजोरी का अच्छी तरह से आकलन किया है और उन्होंने आपकी छोटी से छोटी कमजोरी का फायदा उठाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है।”
कोहली और रोहित को लेकर उन्होंने कहा, “कोहली को अपने जोश, जुनून और हाई स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए जाना जाता है। उनके हाल के खराब प्रदर्शन ने हर किसी को परेशान किया है। उन्हें अब धैर्य और एकाग्रता बनाए रखने पर काम करना होगा। जहां तक रोहित का सवाल है तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के दबाव के बीच संतुलन बनाना होगा। अगर भारत को अच्छा प्रदर्शन करना है तो उन्हें संतुलित आक्रामकता अपनानी होगी। रोहित, कोहली और स्मिथ के लिए असली जंग विपक्षी टीम से नहीं बल्कि समय के साथ है।”