गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के रंगीन मिजाज प्रोफेसर का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। डीडीयू प्रशासन (DDU Administration) के आदेश पर हुई विभागीय शोध समिति (DRC) ने इस मामले में अहम सुझाव लिया है। अब उक्त प्रोफेसर के निर्देशन में शोध कर रही छात्राओं के शोध निर्देशक बदले जाएंगे। हालांकि डीआरसी (DRC) की बैठक में शिक्षक दो खेमों में बंटे दिखे। विभागीय शोध समिति (DRC) के संयोजक विभागाध्यक्ष ही होते हैं। लिहाजा डीडीयू प्रशासन (DDU Administration) ने आदेश जारी किया था कि बैठक से आरोपी विभागाध्यक्ष को विरत रखा जाए। शुक्रवार को आरोपी को विरत रखकर तीन घंटे तक बैठक हुई। तर्क-वितर्क के बाद आरोपी प्रोफेसर के निर्देशन से सभी शोध छात्राओं को हटाकर दूसरे शिक्षकों को शोध निर्देशक बनाए जाने का सुझाव दिया है।
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आंतरिक जांच समिति ने भी की बैठक
मामले की जांच कर रही डीडीयू (DDU) की आंतरिक जांच समिति (ICC) की अंतिम बैठक भी हो गई है। आईसीसी (ICC) ने कई बार आरोप लगाने वाली पूर्व छात्रा और प्रोफेसर के साथ जिस छात्रा का नाम जुड़ा था, उन्हें बुलाया। लेकिन वे दोनों ही न तो बैठक में आईं और न ही कोई रेस्पॉंस दिया। आरोपी प्रोफेसर की पत्नी ने भी किसी भी आरोप से इनकार कर दिया है। आईसीसी (ICC) ने भी आरोपी शिक्षक के निर्देशन में शोध कर रही छात्राओं का निर्देशक बदलने की सिफारिश की थी।
25 तक रिपोर्ट देगी आईसीसी
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने 30 दिन में अंतरिम और 90 दिन में विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश आईसीसी (ICC) को दिया था। जांच के लिए 90 दिन की मियाद 25 अक्तूबर को पूरी हो रही है। इसे लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। निर्धारित तिथि से पहले रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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जानें पूरा मामला
डीडीयू (DDU) के एक सीनियर प्रोफेसर का अश्लील ऑडियो, फोटो व अन्य साक्ष्य भेजकर एनसीडब्ल्यू (NCW) से शिकायत की गई थी। शिकायत पर एनसीडब्ल्यू (NCW) की सदस्य डेलिना खोंगडुप ने बीते 25 जुलाई को विश्वविद्यालय में पहुंचकर डीडीयू (DDU) की आईसीसी (ICC) के साथ बैठक की थी।