नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court of Delhi) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) से कहा कि हम आपकी जमानत रद्द करने नहीं जा रहे हैं। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से जनता से कुछ बोलें तो शब्दों का सही चयन करें। हम बेल रद्द नहीं कर रहे हैं, इसका कोई आधार नहीं है। इसके साथ ही जज ने आगाह किया कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे।
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आईआरसीटी घोटाला (IRCTC Scam) मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) की जमानत पर सुनवाई के दौरान यादव के वकीलों ने केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ सीबीआई (CBI) व ईडी (ED) का दुरुपयोग का आरोप मढ़ा। सीबीआई (CBI) ने भी अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राजद नेता को फटकारते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने पाया कि जमानत निरस्त करने कोई खास आधार नहीं हैं। सीबीआई (CBI) ने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकी दी थी। इस तरह उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, इसलिए उनकी जमानत निरस्त की जाए।
सुनवाई के दौरान यादव के वकीलों ने कहा कि विपक्ष के नेता होने के नाते केंद्र सरकार के गलत कार्यों का विरोध करना उनका फर्ज है। वहीं, केंद्र सरकार सीबीआई (CBI) व ईडी (ED) का दुरुपयोग कर रही है। सभी विपक्षी दलों के सदस्य ऐसा मानते हैं। इसके पहले 28 सितंबर को कोर्ट ने तेजस्वी को सीबीआई (CBI) की अर्जी का जवाब दाखिल करने के लिए मोहलत दी थी। इसके साथ ही 18 अक्तूबर को पेशी तय की थी।
जानें क्या है IRCTC होटल घोटाला
IRCTC घोटाला 2004 में संप्रग सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान झारखंड के रांची और ओडिशा के पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें सामने आई थीं। ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत 11 लोग आरोपी हैं।
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जानें कब क्या-क्या हुआ?
बता दें कि सीबीआई (CBI) ने जुलाई 2017 में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत 11 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई(CBI) की एक विशेष अदालत ने जुलाई 2018 में लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था।