लखनऊ। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) अब अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की रैंडम जांच करेगी। बता दें कि राज्य कर्मचारियों और अफसरों की तरफ से संपत्ति को लेकर जो भी जानकरी दी गई है वो सही है या नहीं इस बात की पुष्टि के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्राधिकरण और आवास विकास मंत्रालय (Authority and Housing Development Ministry) की तरफ़ से सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति की रैंडम जांच की जाएगी। सरकार के पास कर्मचारियों की संपत्ति का पूरा डेटा यूपी के करीब 97 फ़ीसदी सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति का डेटा सरकार के पास पहुंच चुका है। जिसके बाद अब सरकार इनके सत्यता की जांच करेगी। इस कर्मचारियों के पैन नंबर से लेकर सारी प्रॉपर्टी को सरकार खंगालेगी।
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आपको बता दें कि प्रदेश में कार्मिक विभाग (Personnel Department) ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था जिसमें 97 फ़ीसदी लोगों ने जानकारी दी दी है। जानकारी के लिए बता दें कि आईएएस (IAS), आईपीएस(IPS), पीसीएस (PCS) और पीपीएस (PPS) अफसरों को मानव संपदा पोर्टल (Human Sampada Portal) पर संपत्ति का ब्योरा देने से छूट मिली है।
दरअसल जिन अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल (Human Sampada Portal) पर संपत्ति का ब्योरा देने से छूट मिली है। उन अधिकारियों के लिए केंद्र की तरफ से ‘स्पैरो’ पर संपत्ति का ब्योरा देने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित होना है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने उन्हें निर्देश दिया था कि वो ऑफलाइन अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें। शासन के सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के कुल 1021 पीपीएस (PPS) अधिकारियों में से 648 ने ही अभी तक संपत्ति की घोषणा की है।
39 हजार कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन
सरकार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया था कि सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा 30 सितंबर तक मानव संपदा पोर्टल (Human Sampada Portal) पर अपलोड कर देना है, लेकिन इसके बावजूद भी 30 सितंबर तक करीब 39 हजार कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ऐसे में इन कर्मचारियों की सितंबर महीने की सैलरी नहीं दी जाएगी।