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Breaking -यूपी को एक बार फिर मिलेगा कार्यवाहक DGP! विजय कुमार को मिल सकती है पुलिस की कमान

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी को एक बार फिर कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिलने वाला है। राज्य के कार्यवाहक डीजीपी डॉ.आरके विश्वकर्मा का रिटायरमेंट 31 मई को है। बताया जा रहा है कि उन्हे सेवा विस्तार भी नहीं मिल रहा है। योगी सरकार ने स्थायी डीजीपी की तैनाती के लिए अभी तक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को अधिकारियों का कोई पैनल भी नहीं भेजा गया है।

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इसके बाद अटकलें तेज हो गई है कि यूपी के तेजतर्रार सीबीसीआईडी के डीजी  विजय कुमार अगले कार्यवाहक डीजीपी होंगे। विजय कुमार आईपीएस 1988 बैच के अधिकारी हैं। उनकी गिनती उत्तर प्रदेश के ईमानदार और तेज तर्रार आईपीएस अफसर में की जाती है। 31 मई को आरके विश्वकर्मा होंगे रिटायर मिली जानकारी के मुताबिक इस समय 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर आरके विश्वकर्मा यूपी के कार्यवाहक डीजीपी हैं। आरके विश्वकर्मा 31 मई 2023 को रिटायर होंगे। उसके बाद आईपीएस अधिकारी विजय कुमार यूपी के अगले कार्यवाहक डीजीपी चुने जाएंगे।

कौन हैं आईपीएस विजय कुमार?

आपको बता दें कि विजय कुमार 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह 2024 में रिटायर होंगे। इस समय विजय कुमार सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनको विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। विजय कुमार दलित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हे पसंद करते हैं। चर्चा है कि उन्हे ही कार्यवाहक डीजीपी बनाया जाएगा। कुछ अधिकारी विशेष डीजी प्रशांत कुमार को भी कार्यवाहक डीजीपी का दायित्व पाने वाले अफसरों की रेस में शामिल बता रहे हैं।

परंतु डीजीपी की कुर्सी पर तैनात रह चुके सुलखान सिंह का कहना है कि प्रशांत कुमार से सीनियर कई अधिकारी विभिन्न पदों पर तैनात हैं। ऐसे में उन्हे कार्यवाहक डीजीपी की ज़िम्मेदारी देना उचित नहीं होगा। वैसे भी प्रशांत कुमार सूबे की कानून व्यवस्था को बेहतर करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री का भी विश्वास उन पर है और अगर उन्हे कई अधिकारियों को सुपरसीड कर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया तो एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर किसी अन्य अधिकारी की तैनाती करनी होगी।

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पुलिस फोर्स के लिए स्थायी डीजीपी जरूरी: सुलखान सिंह

इसलिए बेहतर तो यही होगा कि सरकार स्थायी डीजीपी तैनात करने पर ध्यान दे और जब तक यह नहीं हो पा रहा है। तब तक के लिए किसी सीनियर अधिकारी को ही कार्यवाहक डीजीपी बनाया जाए। सुलखान सिंह यह भी कहते हैं कि यूपी में एक साल से स्थायी डीजीपी का न होना ठीक नहीं है, क्योंकि पुलिसफोर्स ने स्थायी डीजीपी न होने के कारण अनुशासनहीनता बढ़ रही है। हर जिले में दारोगा मनमानी कर रहे हैं और पुलिस कप्तान नेताओं को खुश करने में लगे हैं। इसलिए पुलिस फोर्स के लिए स्थायी डीजीपी जरूरी है, और यह कार्य अब लंबे समय तक टाला नहीं जाना चाहिए।

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