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बसपा प्रमुख का अपनी सुरक्षा को लेकर सपा पर शंका करना साबित करता है अभी भी उनका का चरित्र नहीं बदला : केशव मौर्य

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। सपा और बसपा के प्रमुख नेताओं की तरफ से एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार गेस्ट हाउस कांड के साथ ही असुरक्षा की बात कहते हुए पार्टी कार्यालय को सुरक्षित जगह देने की मांग की है। वहीं, अब इस मामले में ​डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का बयान आया है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि, सपा का चरित्र नहीं बदला है।

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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा कि, ”बसपा प्रमुख मायावती जी का अपनी सुरक्षा को लेकर सपा पर शंका करना साबित करता है कि अभी भी सपा का चरित्र नहीं बदला है। गेस्ट हाउस कांड में सपा के गुंडों ने बहन मायावती जी की हत्या करने की नापाक कोशिश की थी, बहन मायावती और जनता की सुरक्षा को लेकर सरकार हमेशा सतर्क रही है।”

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बता दें कि, सोमवार को मायावती ने एक्स पर लिखा कि, अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं। जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।

उन्होंने कहा, इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है। ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी मांग है।

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