बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। मां लक्ष्मी को भी यह तिथि अति-प्रिय है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर हम कोई कार्य करते हैं। और उसे सही विधि-विधान से करते हैं। तो उससे हमें शुभफल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आज के दिन किया गया दान हमें कई सारे फल दिलाता है।
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इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान कर लें और पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखें। रात्रि में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ चंद्र देव की पूजा करके उन्हें अर्पित करें. इसके बाद जल से भरा हुआ एक घड़ा जरूरतमंद को दान दें. पकवान का भी दान करें पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन्हें हल्दी से टीका लगाएं। अगले दिन इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर उस जगह पर रख दें जहां आपका पैसा रहता है। इससे घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।
पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें। वैवाहिक जीवन में खुशियां लाने के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी में से किसी को चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए। पति- पत्नी साथ में भी अर्घ्य दे सकते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन यज्ञ में तिल और चीनी की आहुति देने से अच्छे और मंगल फल की प्राप्ति होती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन यमराज को स्मरण करते हुए पानी से भरा हुआ घड़ा और तरह-तरह का स्वादिष्ट खाना दान करने से 100 गायें दान करने के बराबर पुण्य लाभ मिलता है ।वैशाख पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी, गुड़ और तिल दान करने से मनचाहा फल मिलता है।