नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश किया। इस बजट को लेकर विशेषज्ञ अपनी अपनी राय दे रहे हैं। कोई इस बजट से रोजगार के बढ़ने की संभावना की उम्मीद जता है तो कोई इस बजट से उम्मीदें लगाना बेमानी बता रहा है। हालांकि, इस बजट का जमीनी स्तर पर लोगों को कितना फायदा पहुंचेगा ये समय बतायेगा।
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मीडिया रिपोर्ट की माने तो अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और श्रम मामलों के विशेषज्ञ अमित बसोले ने कहा है कि विनिर्माण क्षेत्र में नए निवेश और क्षमता विस्तार की दिशा में हुए ऐलान के बाद रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी। हालांकि, सरकार ने मनरेगा के बजट में कोई विशेष इजाफा नहीं किया है, जिसके कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ती चुनौती बन गयी है।
बसोले ने यह भी कहा कि रोजगार के मोर्चे पर बढ़त तभी होगी, जब इन ऐलानों को प्रभावी तरीके लागू किया जाए। योजनाओं को लागू करने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर इसमें देर हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
बसोले ने बताया कि कोरोना संकट के बाद हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए इस बजट में कोई कदम नहीं उठाया गया है। लिहाजा, लोगों की बचत खत्म हो जाएगी और ऐसी स्थिति में उन्हें कर्ज पर जीने की मजबूरी हो जायेगी। वहीं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि इस बजट से रोजगार में काफी बढ़ोत्तरी होगी।