लखनऊ। बसपा और सपा सरकार में हुए घोटालों पर अब कार्रवाई शुरू हो गयी है। स्मारक, चीनी मिल एनआरएचम, गोमती रिवर फ्रंट, खनन समेत अन्य घोटालों में शामिल आरोपियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गयी है। स्मारक घोटाले में शामिल दो पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत सात लोगों पर विजिलेंस कार्रवाई करने जा रही है।
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ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अब चीनी मिल एनआरएचम, गोमती रिवर फ्रंट, खनन समेत अन्य घोटाले में शामिल बड़ी मछलियों पर कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की माने तो खनन घोटाले में शामिल गायत्री पर ईडी का शिकांजा बढ़ने के साथ ही अब ब्यूरोक्रेटस पर भी नजरें टेढी हो गयी हैं और अब उन पर भी कार्रवाई शुरू होगी।
गौरतलब है कि, स्मारक घोटाले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने दो पूर्व आईएएस अधिकारी हरभजन सिंह और रामबोध मौर्य समेत सात आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दी है। विजिलेंस ने सात लोगों के खिलाफ सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है। वहीं, मंजूरी मिलने के बाद इनकी गिरफ्तारी की जायेगी और इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया जायेगा।
इनके अलावा एलडीए के तत्कालीन चीफ इंजिनियर त्रिलोकी नाथ, तत्कालीन अधिशासी अभियंता विमल कुमार सोनकर, महेंद्र सिंह गुरुदत्ता, राकेश कुमार शुक्ला और तत्कालीन अधीक्षण अभियंता और संयुक्त निदेशक श्याम बहादुर मिश्रा की भूमिका भी घोटाले में सामने आई है।
इसी आधार पर विजिलेंस ने इन सातों के खिलाफ राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है। विजिलेंस ने स्मारक घोटाले में इन सात लोगों समेत अभी तक 43 लोक सेवकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी जिनमें से 36 के खिलाफ मंजूरी मिल गई है।
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