लखनऊ। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के विधि विभाग में मनुस्मृति पढ़ाए जाने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है। इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जिस संविधान की रचना की वो मनुस्मृति से कतई मेल नहीं खाता है।
पढ़ें :- संभल की जामा मस्जिद विवाद से माहौल बिगाड़ने की कोशिश, मायावती ने कहा- संज्ञान लें सुप्रीम कोर्ट और सरकार
मायावती (Mayawati) ने एक्स पर लिखा कि, भारतीय संविधान के मान-सम्मान व मर्यादा तथा इसके समतामूलक एवं कल्याणकारी उद्देश्यों के विरुद्ध जाकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग में मनुस्मृति पढ़ाए जाने के प्रस्ताव का तीव्र विरोध स्वाभाविक तथा इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने का फैसला स्वागत योग्य कदम।
इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने ख़ासकर उपेक्षितों व महिलाओं के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ ही मानवतावाद एवं धर्मनिरपेक्षता को मूल में रखकर सर्व स्वीकार भारतीय संविधान की संरचना की, जो मनुस्मृति से कतई मेल नहीं खाता है। अतः ऐसा कोई प्रयास कतई उचित नहीं।